माघ मेला में कल मकर संक्रांति का स्नान, अखंड तप के लिए पहुंचने लगे देश भर से श्रद्धालु
तंबुओं की नगरी बसाने का सिलसिला अंतिम दौर पर है। यही कारण है कि संत व श्रद्धालु मेला क्षेत्र में आने लगे हैं। अबकी मकर संक्रांति स्नान पर्व का योग दो दिन बन रहा है। हर बार की तरह अबकी भी 14 जनवरी को मकर संक्रांति का स्नान होगा
प्रयागराज, जागरण संवाददाता। पूर्वजों की तृप्ति, जन्म-जन्मांतर के पापों से मुक्ति व स्वर्ग प्राप्ति की संकल्पना साकार करने का अखंड तप कल्पवास आरंभ होने वाला है। गृहस्थ समस्त मोह-माया से मुक्त होकर भजन-पूजन करने तीर्थराज प्रयाग की पावन धरा पर आने लगे हैं। तीर्थपुरोहितों के शिविर में रहकर भजन-पूजन करेंगे। मौसम की बेरुखी के बावजूद मेला क्षेत्र में संतों के शिविर लग गए हैं। खाकचौक, त्रिवेणी मार्ग, आचार्यनगर व दंडी स्वामीनगर में संत-महात्माओं के शिविर व्यवस्था किए जा रहे हैं। मकर संक्रांति स्नान पर्व के बाद उसमें भजन-पूजन शुरू हो जाएगा। कोरोना संक्रमण के कारण संतों के शिविर में प्रवचन का पंडाल नहीं लगेगा। संत अपने शिविर में सूक्ष्मरूप से प्रवचन करेंगे।
अबकी दो दिन का बन रहा मकर संक्रांति स्नान का योग
संगम तीरे तंबुओं की नगरी बसाने का सिलसिला अंतिम दौर पर पहुंच चुका है। यही कारण है कि संत व श्रद्धालु मेला क्षेत्र में आने लगे हैं। अबकी मकर संक्रांति स्नान पर्व का योग दो दिन बन रहा है। हर बार की तरह अबकी भी 14 जनवरी को मकर संक्रांति का स्नान होगा, लेकिन उसका मुहूर्त 15 जनवरी को पड़ रहा है। दोनों दिन संगम में लाखों श्रद्धालु संगम के पवित्र जल में पुण्य की डुबकी लगाएंगे।
तैयार हो रहे हैं घाट
श्रद्धालुओं के आगमन को देखते हुए मेला क्षेत्र में युद्धस्तर पर तैयारी चल रही है। संगम तट पर घाट दुरुस्त किया जा रहा है। इसके अलावा अक्षयवट, रामघाट, गंगोली शिवालय व दारागंज घाट बनाने का काम युद्ध स्तर पर चल रहा है। घाटों पर स्नानार्थियों के कपड़ा बदलने, शौचालय व मूत्रालय का प्रबंध किया जा रहा है।
यह है स्नान का मुहूर्त
ज्योतिर्विद आचार्य देवेंद्र प्रसाद त्रिपाठी के अनुसार 14 जनवरी की रात 8.49 बजे धनु राशि से मकर राशि में सूर्य प्रवेश करेंगे। इसके साथ सूर्य उत्तरायण हो जाएंगे। यह अतिपवित्र कालखंड है। इसका पुण्यकाल शनिवार की दोपहर 12.49 बजे तक रहेगा। ऐसी स्थिति में मकर संक्रांति का स्नान, दान का पुण्यकाल शनिवार को रहेगा। उस दिन शनि प्रदोष व मृगशिरा नक्षत्र होने का संयोग है। इसके अलावा मकर राशि में सूर्य, बुध व शनि ग्रह का संचरण होगा। ज्योतिर्विद आचार्य अविनाश राय के अनुसार मकर संक्रांति से देवताओं का दिन व दैत्यों की रात्रि शुरू हो जाएगी। इसके साथ शादी, विवाह, गृहप्रवेश, नामकरण, नींव पूजा जैसे समस्त शुभ कार्य आरंभ हो जाएंगे।