राम वनगमन पर भक्तों की भर आईं आंखें
बुधवार को ग्रामसभा सम्हई की ऐतिहासिक 76वें वर्ष की रामलीला में पांचवें दिन कलाकारों द्वार दशरथ प्रतिज्ञा पालन से राम वन गमन तक का सुंदर मंचन किया गया। इस बीच राम लक्ष्मण व सीता के वन प्रस्थान का मंचन देख श्रद्धालुओं की आंखें भर आई।
नवाबगंज : बुधवार को ग्रामसभा सम्हई की ऐतिहासिक 76वें वर्ष की रामलीला में पांचवें दिन कलाकारों द्वार दशरथ प्रतिज्ञा पालन से राम वन गमन तक का सुंदर मंचन किया गया। इस बीच राम, लक्ष्मण व सीता के वन प्रस्थान का मंचन देख श्रद्धालुओं की आंखें भर आई। कलाकारों ने मंचन में दिखाया कि देवताओं के विनय पर मां सरस्वती मंथरा की बुद्धि में प्रवेश करके कैकेई को राम वन गमन के लिए प्रेरित करती है। कैकई, मंथरा की बातों में आकर को भवन में जाती है, जहां राजा दशरथ के पहुंचने पर उनसे राम के लिए 14 वर्ष का वनवास और भरत के लिए राजगद्दी मांगती है। यह सुनकर राजा दशरथ अत्यंत दुखी होकर विलाप करने लगते हैं। कैकेई सुमित्रा द्वारा भगवान राम को बुलाती हैं और भगवान राम वनवास जाने का आदेश पाकर भगवान राम प्रसन्न होते हैं परंतु पिता की दशा देख दुखी हो जाते हैं। फिर माता पिता की आज्ञा से श्री राम लक्ष्मण सीता के साथ वन को प्रस्थान करते हैं। यह दृश्य देख सभी लोग भाव विभोर हो उठते हैं। प्रभु श्रीराम के साथ पूरा अयोध्या नगरी भी चल पड़ती है काफी समझाने के बाद सब वापस आ जाते हैं। गंगा नदी के किनारे पहुंचने पर निषादराज अपने प्रभु राम के दर्शन पाकर काफी प्रसन्न होते हैं। वह उनकी अगवानी कर अपने को धन्य कर लेते हैं। नदी पार कर प्रभु राम पंचवटी में अपना निवास बनाते हैं। यह सब देख रामलीला का मंचन देखने आए हुए श्रद्धालुओं की आंखें भर आती है। राम के अभिनय में अवनीश त्रिपाठी, लक्ष्मण मनीष त्रिपाठी, आदि लोग रहे।