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Dev Deepawali 2020 : आप भी जानें, देव दीपावली पर शिव व सर्वार्थ सिद्धि योग का है सुखद संयोग

Dev Deepawali 2020 मान्यता है कि कार्तिक शुक्लपक्ष की एकादशी पर भगवान विष्णु के जाग्रत होने की खुशी में देवी-देवता पूर्णिमा तिथि पर भगवान लक्ष्मी-नारायण की महाआरती करके दीप प्रज्ज्वलित किए। इसी कारण इसे देवताओं की दीपावली कहते हैं। पूर्णिमा तिथि रविवार को दिन में 12.33 बजे लग चुकी है।

By Brijesh SrivastavaEdited By: Published: Sun, 29 Nov 2020 04:21 PM (IST)Updated: Sun, 29 Nov 2020 04:21 PM (IST)
Dev Deepawali 2020 : आप भी जानें, देव दीपावली पर शिव व सर्वार्थ सिद्धि योग का है सुखद संयोग
देव दीपावली कल यानी सोमवार को मनाई जाएगी।

प्रयागराज, जेएनएन। संगम का घाट असंख्य दीपों से कल यानी सोमवार को जगमगाएगा। दीपों का साथ पाकर पूनम की रात भी इठलाएगा। चहुंओर उजियारा फैलने पर उस अद्भुत व अप्रतिम नजारे की झलक पाने को जनसैलाब उमड़ेगा। कमोवेश कुछ ऐसी स्थिति सोमवार को संगम तट, यमुना व गंगा घाटों पर रहेगी। मौका होगा कार्तिक शुक्लपक्ष की पूर्णिमा तिथि पर मनाए जाने वाले देव दीपावली के पावन पर्व का।

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देव दीपावली पर संगम, यमुना के बलुआघाट, गंगा के रामघाट व दारागंज घाट पर दीपदान के लिए सामाजिक संगठन व प्रशासन ने विशेष तैयारी की है। घाटों पर लाखों दीप जलने पर सितारों के जमीं पर उतारने का अहसास होगा। अनुभूति होगी प्रयागराज में समस्त देवगणों संग भगवान भास्कर अवतरित होने की।

आइए जानते हैं देव दीपावली की क्‍या है विशेषता

सनातन धर्मावलंबियों के लिए कार्तिक का महीना विशेष होता है, क्योंकि इस महीने में सृष्टि के पालनहार भगवान विष्णु चार महीने की योग निद्रा से जागते हैं। मान्यता है कि कार्तिक शुक्लपक्ष की एकादशी पर भगवान विष्णु के जाग्रत होने की खुशी में देवी-देवता पूर्णिमा तिथि पर भगवान लक्ष्मी-नारायण की महाआरती करके दीप प्रज्ज्वलित किए। इसी कारण इसे देवताओं की दीपावली कहते हैं। पूर्णिमा तिथि रविवार को दिन में 12.33 बजे लग चुकी है, जो सोमवार की दोपहर 2. 26 बजे तक रहेगी। स्नान, दान व व्रत की पूर्णिमा सोमवार को रहेगी।

काफी सनातन धर्मावलंबियों ने रविवार की शाम घरों में दीपक जलाकर खुशी मनाएंगे। अबकी सोमवार को पड़ रही देव दीपावली पर शिव व सर्वार्थ सिद्धि योग का सुखद संयोग है। वहीं, रोहणी नक्षत्र व चंद्रमा अपनी उच्च राशि वृष में संचरण करेंगे। पूर्णिमा तिथि पर सुबह संगम, गंगा अथवा यमुना में स्नान करके अन्न व वस्त्र का दान करना चाहिए। शाम को भगवान विष्णु का पूजन करके दीपक जलाने से सनातन धर्मावलंबी को 10 यज्ञ करने के बराबर पुण्य की प्राप्ति होगी।

जलाएं कम से कम 12 दीपक

कार्तिक पूर्णिमा पर दीपदान करने की प्राचीन परंपरा है। धर्माचार्य बताते हैं कि भगवान विष्णु की संख्या 12 है। ऐसे में कम से कम देशी घी के 12 दीपक जरूर जलाना चाहिए। अगर कोई दीपावली की तरह पूरे घर में दीपक जलाता है तो यह और भी अच्छा है। 

तुलसी के समक्ष जरूर जलाएं दीपक

कार्तिक पूर्णिमा तिथि की शाम तुलसी के समक्ष दीपक जरूर जलाना चाहिए। तुलसी भगवान श्रीहरि को अत्यंत प्रिय हैं। इसी कारण तुलसी की स्तुति करने वालों की कामना वो जल्द पूर्ण करते हैं।

सात्विक भोजन करें

कार्तिक पूर्णिमा पर जो लोग व्रत नहीं रख रहे हैं वे भी सात्विक भोजन करें। मांस-मदिरा का सेवन नहीं करना चाहिए। इंद्रियां नियंत्रित रखकर भगवान श्रीहरि का पूजन करना चाहिए।


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