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अपंजीकृत दुकानों को आपूर्ति का भी फार्म में भरना होगा विवरण

वाणिज्‍य कर विभाग के एडिशनल कमिश्‍नर जीएसटी ने सर्कुलर जारी किया है।एेसी सामग्रियों का भी विवरण फार्म में व्‍यापारियों को भरना होगा जो अपंजीकृत दुकानों को आपूर्ति की जाती है।

By Brijesh SrivastavaEdited By: Published: Sat, 23 Mar 2019 07:50 PM (IST)Updated: Sun, 24 Mar 2019 10:48 AM (IST)
अपंजीकृत दुकानों को आपूर्ति का भी फार्म में भरना होगा विवरण
अपंजीकृत दुकानों को आपूर्ति का भी फार्म में भरना होगा विवरण

प्रयागराज : अब अपंजीकृत दुकानों को आपूर्ति की जाने वाली सामग्री का विवरण भी फार्म में भरना होगा। इसके लिए गत दिनों एडिशनल कमिश्नर (जीएसटी) वाणिज्यकर, मुख्यालय विवेक कुमार ने सर्कुलर जारी कर दिया है।

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 कहा जा रहा है कि अभी तक अपंजीकृत दुकानों को जो भी आपूर्ति होती थी, उसके लिए फार्म भरने का प्रावधान जीएसटी में नहीं था। इससे विभाग को टैक्स का नुकसान हो रहा था। साथ ही विभाग शक के आधार पर ऐसे दुकानदारों के खिलाफ कार्रवाई भी करता था। हालांकि अब जीएसटीआर-3 बी की तालिका तीन और दो एवं जीएसटीआर-1 की तालिका सात बी में विवरण अंकित किया जाएगा।

कहते हैं व्यापारी नेता संतोष पनामा

उत्तर प्रदेश उद्योग व्यापार कल्याण समिति के संयोजक संतोष पनामा का कहना है कि इस व्यवस्था से दुकानदारों को सहूलियत होगी। वह जो अधिकारियों के शक के दायरे में रहते थे, उससे राहत मिलेगी।

तीसरी फर्जी फर्म का रजिस्ट्रेशन भी निरस्त

वाणिज्यकर विभाग ने उस तीसरी फर्जी फर्म का रजिस्ट्रेशन भी निरस्त कर दिया है, जो करीब एक पखवारा पूर्व पकड़ी गई थी। वाणिज्यकर विभाग की एसआइबी ने करीब एक पखवारा पहले तीन फर्जी फर्में पकड़ी थी।  इसमें से दो फर्में इलाहाबाद स्टील सेंटर और शंभू इंटरप्राइजेज नैनी के दांदूपुर और तीसरी इस्टर्न मशीनरी ब्रिक फील्ड प्राइवेट लिमिटेड (बिंदकी) फतेहपुर की थी।

अफसरों को जांच में फर्मों का फर्जीवाड़ा हुआ उजागर

डिप्टी कमिश्नर हेमंत कुमार गौतम के नेतृत्व में अफसरों ने मौके पर इन फर्मों की जांच की थी, लेकिन न कोई फर्में मिली थी और न ही मालिकों के नाम पता चले थे। तीनों फर्जी फर्मों ने करीब 30.50 करोड़ रुपये की खरीद और बिक्री की थी। जिसमें लगभग 5.50 करोड़ रुपये टैक्स की चोरी की गई। इलाहाबाद स्टील सेंटर और ईस्टर्न मशीनरी ब्रिक फील्ड प्राइवेट लिमिटेड का रजिस्ट्रेशन उसी समय निरस्त कर दिया गया था। शंभू इंटरप्राइजेज का पंजीकरण अब निरस्त किया गया। एक अफसर ने बताया कि पंजीकरण निरस्त करने के लिए एक सप्ताह की नोटिस जारी की जाती है। उसके बाद निरस्तीकरण की कार्रवाई होती है।


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