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'त्रिनेत्र' में कैद हुई अतीक समेत छह हजार अपराधियों की कुंडली

अपराधियों का ऑनलाइन डोजियर मोबाइल अप्लीकेशन एप त्रिनेत्र के माध्‍यम से तैयार किया गया है। इसमें पूर्व सांसद व माफिया अतीक अहमद समेत छह हजार अपराधी शामिल हैं।

By Brijesh SrivastavaEdited By: Published: Thu, 21 Feb 2019 12:24 PM (IST)Updated: Thu, 21 Feb 2019 12:24 PM (IST)
'त्रिनेत्र' में कैद हुई अतीक समेत छह हजार अपराधियों की कुंडली
'त्रिनेत्र' में कैद हुई अतीक समेत छह हजार अपराधियों की कुंडली

ताराचंद्र गुप्ता, प्रयागराज : पूर्व सांसद व माफिया अतीक अहमद समेत जिले के करीब छह हजार अपराधी त्रिनेत्र के दायरे में आ गए हैं। त्रिनेत्र एप के जरिए जेल से छूटने वाले शातिर अपराधियों की गतिविधि पर लोकसभा चुनाव के दौरान और उसके बाद भी पैनी नजर रखी जाएगी। ड्यूटी के दौरान भी पुलिसकर्मियों को किसी अपराधी के बारे में एप से पता लगाना आसान हो रहा है।

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अपराधियों का डिजिटल ऑनलाइन डोजियर तैयार करने की तैयारी

अपराधियों का डिजिटल ऑनलाइन डोजियर तैयार करने के लिए मोबाइल अप्लीकेशन त्रिनेत्र विकसित किया है। इसके जरिए भी अपराधियों पर शिकंजा कसा जा रहा है। पुलिस के लिए बने इस एप में हत्या, लूट, डकैती, छिनैती, नकबजनी, वाहन चोरी और आर्थिक अपराध समेत अन्य मामलों के आरोपितों की पूरी कुंडली तैयार की गई है। बदमाश का नाम, पता, पिता का नाम, आपराधिक इतिहास, अपराध की प्रवृत्ति, फोटो और निकट में रहने वाले कुछ लोगों का पता दर्ज किया गया है।

एप में फ्रिंगर प्रिंट और वायस सैंपल भी रहेगा

एप में फ्रिंगर प्रिंट और वायस सैंपल भी उपलब्ध है। अपराधियों का पूरा डाटा फीड करने की जिम्मेदारी डिस्ट्रिक क्राइम रिकार्ड ब्यूरो (डीसीआरबी) को दी गई है। त्रिनेत्र में आर्टीफिसियल इंटेलीजेंस, फेस रिकाग्निशन समेत अन्य फीचर हैं।

पकड़े गए घनश्याम की कुंडली त्रिनेत्र एप से पुलिस ने खंगाली

बुधवार को नवाबगंज पुलिस के हत्थे चढ़े शातिर अपराधी घनश्याम ने पूछताछ में झूठ बोला तो एसपी गंगापार ने इसी एप का सहारा लिया। त्रिनेत्र में घनश्याम की फोटो भेजते ही जालौन समेत जिलों में दर्ज आपराधिक इतिहास की जानकारी मिल गई। इसी तरह चेकिंग के दौरान भी संदिग्ध व्यक्ति की सच्चाई का पता लगाने में यह एप महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है।

बोले एसएसपी

एसएसपी नितिन तिवारी ने बताया कि त्रिनेत्र एप में अतीक अहमद समेत करीब छह हजार अपराधियों का पूरा डाटा फीड किया जा चुका है। हर किस्म के अभियुक्त की फोटो और जानकारी अपलोड की जा रही है। जेल और जीआरपी से भी मदद ली जा रही है।


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