हाईवे पर बेसहारा पशुओं का डेरा, हादसे की बनी रहती है आशंका
प्रयागराज-रीवा राष्ट्रीय राजमार्ग पर गौहनिया से नारीबारी तक बेसहारा पशुओं का कब्जा रहता है। हाईवे पर जारी और गन्ने बाजार के आसपास भी कमोवेश यही हालत रहती है। इससे आए दिन हादसे होते हैं।
नारीबारी : प्रयागराज-रीवा राष्ट्रीय राजमार्ग पर गौहनिया से नारीबारी तक बेसहारा पशुओं का कब्जा रहता है। हाईवे पर जारी और गन्ने बाजार के आसपास भी कमोवेश यही हालत रहती है। इससे आए दिन हादसे होते हैं। इसके अलावा इन बेसहारा पशुओं के कारण इलाके के किसान भी हैरान-परेशान हैं। उनकी खेती इससे चौपट हो रही है। क्षेत्र के गांवों में विचरण कर रहे बेसहारा पशुओं द्वारा फसलों को नुकसान पहुंचाए जाने से किसानों में आक्रोश व्याप्त है।
एक तरफ प्रदेश सरकार बेसहारा पशुओं से किसानों की फसल को बचाने के लिए गांव-गांव पशु आश्रय स्थल बनाने के साथ गायों की महत्ता के लिए गोपाष्टमी मना रही है। वहीं संबंधित जिम्मेदार अधिकारियों की उदासीनता से बेसहारा पशु फसलों को रात-दिन नुकसान पहुंचा रहे हैं। इससे अन्नदाता परेशान हैं। बेसहारा पशुओं से फसलों के बचाव के लिए क्षेत्र के सुरवल सहनी, कोहड़िया, चौकठा, जरखोरी आदि गांवों में लाखों रुपये की लागत से पशु आश्रय स्थल बनवाए गए हैं लेकिन संबंधित जिम्मेदार अधिकारियों की लापरवाही एवं उदासीनता से उक्त आश्रय स्थल भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गए हैं। हर गांव में सैकड़ों की संख्या में बेसहारा पशु पलक झपकते ही किसानों की खून पसीने की फसल चट कर जाते हैं। यही नहीं दिन और रात में ये बेसहारा पशु हाईवे पर विचरण करते हैं, जिससे आए दिन दुर्घटनाएं होती हैं। कई लोगों की हादसों में मौत तक हो चुकी है। बावजूद इसके जिम्मेदार अधिकारी नहीं ध्यान दे रहे हैं। क्षेत्रीय किसानों ने शासन प्रशासन से बेसहारा पशुओं से निजात दिलाने के लिए प्रभावी कार्यवाही करने की मांग की है।