सब सुविधा होने के बावजूद एसआरएन अस्पताल आने वाले मरीज हैं परेशान Prayagraj News
एसआरएन अस्पताल में पैथालॉजी डिजिटल एक्स-रे सीटी स्कैन एमआरआइ डायलिसिस ब्लड बैंक के साथ-साथ विशेषज्ञ डॉक्टरों की अच्छी टीम है। सुविधाओं को पाने को मरीज परेशान रहते हैं।
प्रयागराज, जेएनएन। कुंभ के पहले एसआरएन (स्वरूपरानी नेहरू) अस्पताल को संवारा गया। करोड़ों रुपये खर्च हुए और कुछ हद तक अस्पताल पहले से बेहतर हो गया। सब कुछ होने के बाद भी यहां मरीजों को बेहतर इलाज नहीं मिल पा रहा है। स्वरूपरानी नेहरू अस्पताल मंडल का सबसे बड़ा अस्पताल है। आसपास के जनपदों से मरीज इस अस्पताल में इलाज कराने आते हैं। यहां केंद्रीय पैथालॉजी, डिजिटल एक्स-रे, सीटी स्कैन, एमआरआइ, डायलिसिस, ब्लड बैंक के साथ-साथ विशेषज्ञ डॉक्टरों की अच्छी खासी टीम मौजूद है। इन सुविधाओं को पाने के लिए मरीजों को बड़ी मुश्किलों का सामना करना पड़ता है। हर कदम पर रुपये व कमीशन का खेल चलता है।
मरीज को बाहर के पैथालॉजी से जांच करानी पड़ती है
पैथालॉजी तो है लेकिन यहां कुछ सामान्य जांचें ही हो पाती है इसलिए मरीज को बाहर के पैथालॉजी से जांच करानी पड़ती है। कहने के लिए तो ऑपरेशन मुफ्त है लेकिन ओटी में लगने वाला पूरा सामान बाहर से मंगाया जाता है इसके लिए मरीजों से मोटी रकम वसूली जाती है। शासन का स्पष्ट निर्देश है कि सरकारी अस्पतालों में आने वाले मरीजों को बाहर की दवा नहीं लिखी जाएगी लेकिन यहां तो पूरी दवा ही बाहर की लिखी जाती हैं। मरीजों की सुनने वाला कोई नहीं इतने बड़े अस्पताल में मरीज यदि अपनी समस्या बताना चाहे तो उसका समाधान करने वाला कोई नहीं है।
जिम्मेदार अधिकारी ऑफिस में बैठकर ड्यूटी निभा रहे
मरीज को इतना दौड़ाया जाता है कि वह हार जाता है। जिम्मेदार अधिकारी भी ऑफिस में बैठकर ड्यूटी निभा रहे हैं। यदि जिम्मेदार अधिकारी ओपीडी या वार्ड में जाकर मरीजों की समस्या से रूबरू होते तो शायद यह स्थिति न होती।
बोले एमएलएन मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य
मोतीलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ. एसपी सिंह कहते हैं कि अस्पताल में आने वाले प्रत्येक मरीज का बेहतर इलाज हो, इसके लिए सभी को निर्देशित किया गया है। अभी कुछ सुधार की आवश्यकता है। इसमें सभी के सहयोग की जरूरत है। हम लगातार इसके लिए कार्य कर रहे हैं।