चुनावी माहौल में उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद की डिग्री का मामला पहुंचा इलाहाबाद हाई कोर्ट
उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य की डिग्री को लेकर हाई कोर्ट में अर्जी दाखिल की गई है। कोर्ट में तीन फरवरी को उक्त मामले में सुनवाई करेगी। अर्जी में एसीजेएम प्रयागराज के चार सितंबर 2021 को पारित आदेश को चुनौती दी गई है
प्रयागराज, विधि संवाददाता। यूपी विधानसभा के चुनावी माहौल में डिप्टी सीएम केशव प्रसाद की डिग्री के मामले में इलाहाबाद हाई कोर्ट में अर्जी दाखिल की गई है। कोर्ट में तीन फरवरी को उक्त मामले में सुनवाई करेगी। अर्जी में एसीजेएम प्रयागराज के चार सितंबर 2021 को पारित आदेश को चुनौती दी गई है। मजिस्ट्रेट ने फर्जी डिग्री की शिकायत की एफआइआर दर्ज करने के आदेश जारी करने की मांग पर धारा-156(3) दंड प्रक्रिया संहिता के तहत दाखिल अर्जी खारिज कर दी है। दिवाकरनाथ त्रिपाठी की याचिका की सुनवाई न्यायमूर्ति राजीव गुप्ता ने की।
याचिका पर अधिवक्ता सुरेश चंद्र द्विवेदी, अखिलेश्वर द्विवेदी, एचए अंसारी व राज्य सरकार की तरफ से अपर महाधिवक्ता एमसी चतुर्वेदी ने पक्ष रखा। याची का आरोप है कि हिंदी साहित्य सम्मेलन प्रयागराज की प्रथमा, मध्यमा, विशारद डिग्री हाई स्कूल के समकक्ष मान्य नहीं है। केशव प्रसाद ने इस डिग्री के आधार पर आगे की शिक्षा ग्रहण की है। उल्लेखनीय है कि केशव प्रसाद अबकी सिराथू सीट से चुनाव लड़ने जा रहे हैं।
कोर्ट ने शिक्षा निदेशक को जांच रिपोर्ट पर निर्णय लेने का दिया निर्देश
इलाहाबाद हाई कोर्ट ने एक जमीन पर दो विद्यालयों की मान्यता की जिलाधिकारी फर्रुखाबाद द्वारा एसडीएम के नेतृत्व में तीन सदस्यीय टीम से जांच कराने को अवैधानिक नहीं माना। कोर्ट ने शिक्षा निदेशक को जांच रिपोर्ट को संज्ञान में लेते हुए पक्षों को सुनकर 12 हफ्ते में आदेश पारित करने का निर्देश दिया है। कोर्ट ने कहा जिलाधिकारी ने कोई कार्रवाई नहीं की है। जांच रिपोर्ट संयुक्त निदेशक को प्रेषित कर दी है।उन्होंने कालेज प्रबंधन को नोटिस जारी किया है। उसका जवाब याची ने अभी तक नहीं दिया है। कोर्ट ने कहा कि संयुक्त निदेशक की नोटिस को धारा-16घ के अंतर्गत निदेशक की नोटिस माना जाय और याची निदेशक को चार सप्ताह में अपना जवाब दाखिल करें। यह आदेश न्यायमूर्ति सौरभ श्याम शमशेरी ने एसकेएम इंटर कालेज कायमगंज फर्रुखाबाद की प्रबंध समिति की तरफ से दाखिल याचिका पर दिया है। कालेज के खिलाफ जिलाधिकारी से शिकायत की गई कि कालेज की जमीन पर झांसा देकर कृष्णा पब्लिक स्कूल की भी मान्यता दी गई है। जो कानूनन अपराध है, जिसकी जिलाधिकारी ने जांच कराई थी। कालेज के प्रबंधक ने याचिका दायर कर कहा जिलाधिकारी को जांच कराने का अधिकार नहीं है और संयुक्त निदेशक को नोटिस जारी करने का अधिकार नहीं है।