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विलक्षण प्रतिभा के धनी डाक्‍टर काशी प्रसाद जायसवाल को भारत रत्न देने की प्रयागराज में उठी मांग

वक्‍ता बोले कि डा. जायसवाल युगांतकारी व्यक्ति थे। सड़कों चौराहों का नाम इनके नाम पर होने चाहिए। ऐसे महापुरुष को भारत रत्न मिलना चाहिए। कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे जिलाध्यक्ष अभिषेक जायसवाल ने कहा कि यह देश ऐसे अमूल्य रत्नों से भरा पड़ा है जिन्होंने दुनिया को नई दिशा दी।

By Brijesh SrivastavaEdited By: Published: Sat, 27 Nov 2021 01:24 PM (IST)Updated: Sat, 27 Nov 2021 01:24 PM (IST)
विलक्षण प्रतिभा के धनी डाक्‍टर काशी प्रसाद जायसवाल को भारत रत्न देने की प्रयागराज में उठी मांग
जायसवाल युवा मंच के पदाधिकारियों ने साहित्‍यकार व विद्वान डा. काशी प्रसाद जायसवाल को भारत रत्‍न देने की मांग की।

प्रयागराज, जागरण संवाददाता। चिलबिला बाजार स्थित जायसवाल युवा मंच के कार्यालय पर डा. काशी प्रसाद जायसवाल की 141 वीं जन्मतिथि मनाई गई। मुख्य अतिथि प्रदेश अध्यक्ष अजितेश जायसवाल ने कहा कि आजादी के पूर्व मीरजापुर की धरती पर एक रत्न ने जन्म लिया, जिनके प्रकाश से संपूर्ण विश्व में देश का अलग ही कीर्तिमान रहा। विलक्षण, प्रतिभायुक्त, प्रसिद्ध साहित्यकार, इतिहासकार, पुरातत्व वेत्ता, राष्ट्र धरोहर, प्राचीन लिपि मर्मज्ञ, क्रांतिकारी व बहुभाषी विद्वान थे।

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जायसवाल युवा मंच के लोगों ने की मांग

मुख्‍य अतिथि ने कहा कि डा. जायसवाल युगांतकारी व्यक्ति थे, देश की विभिन्न सड़कों व चौराहों का नाम इनके नाम पर होने चाहिए। ऐसे महापुरुष को भारत रत्न मिलना चाहिए। कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे जिलाध्यक्ष अभिषेक जायसवाल ने कहा कि यह देश ऐसे अमूल्य रत्नों से भरा पड़ा है जिन्होंने दुनिया को नई दिशा दी। कोहिनूर के हीरे की तरह चमकने वाले डा. काशी प्रसाद जायसवाल का सम्मानित स्थान है। इस अवसर पर प्रदेश महासचिव अंकित जायसवाल वोरा, जिला उपाध्यक्ष आकाश जायसवाल, कोषाध्यक्ष रवि जायसवाल मोंटी, विकास जायसवाल, रिशु जायसवाल, उत्कर्ष जायसवाल समेत दर्जनों पदाधिकारी व सैकड़ों लोग उपस्थित रहे।

लेखकों से मुलाकात के साथ पुस्तक प्रदर्शनी का समापन

इलाहाबाद विश्वविद्यालय के निराला सभागार में साहित्य भंडार प्रकाशन द्वारा आयोजित पांच दिवसीय प्रदर्शनी का समापन हो गया। अंतिम दिन विश्वविद्यालय, स्कूलों कालेजों के विद्यार्थियों और अध्यापकों ने पुस्तकें खरीदें और वहां उपस्थित लेखकों से मुलाकात की। उनकी लिखी किताबों पर आटोग्राफ भी लिए। प्रदर्शनी में लगभग पांच सौ लेखकों द्वारा लिखी गई पुस्तकों को प्रदर्शित किया गया था। हिंदी भाषा, साहित्य, मीडिया, संस्कृति, इतिहास सहित ढेर सारे विषयों से संबंधित पुस्तकें रखी गई थीं। साहित्य भंडार द्वारा प्रकाशित सेंटर आफ मीडिया स्टडीज के पाठ्यक्रम समन्वयक डा. धनंजय चोपड़ा की पुस्तक प्रयोजनमूलक हिंदी और लेखन का विमोचन भी हुआ। प्रोफेसर राजेंद्र कुमार, प्रोफेसर संतोष भदौरिया, डा. धनंजय चोपड़ा, डा. सरोज सिंह, आभा त्रिपाठी, डा. अनिल सिंह, डा. वर्षा अग्रवाल आदि शामिल रहे। साहित्य भंडार के संचालक विभोर अग्रवाल ने आभार व्यक्त किया।


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