योग गुरु स्वामी आनंद गिरी मामले में संतों ने की निष्पक्ष जांच की मांग
महिलाओं से अमर्यादित आचरण के आरोप में आस्ट्रेलिया के सिडनी जेल में बंद योग गुरु स्वामी आनंद गिरी के मामले में संतों ने साजिश की आशंका जताई है। निष्पक्ष जांच की मांग की।
By Edited By: Published: Fri, 10 May 2019 07:30 AM (IST)Updated: Fri, 10 May 2019 10:26 AM (IST)
प्रयागराज : संतों का प्रतिनिधिमंडल प्रयाग पीठाधीश्वर जगद्गुरु स्वामी ओंकारानंद सरस्वती के नेतृत्व में विदेश मंत्री सुषमा स्वराज से मिला। उन्होंने आनंद गिरि के प्रकरण की आस्ट्रेलिया सरकार से निष्पक्ष जांच की मांग की। वहीं दंडी संन्यासी भी आनंद गिरि पर लगे आरोपों को साजिश से जोड़कर देख रहे हैं। दंडी संन्यासी आनंद गिरि की रिहाई के लिए सरकार से मांग कर रहे हैं।
संतों ने साजिश लगाने का लगाया आरोप
महिलाओं से अमर्यादित आचरण के आरोप में आस्ट्रेलिया के सिडनी जेल में बंद योग गुरु स्वामी आनंद गिरि के मामले को संत साजिश से जोड़कर देख रहे हैं। संतों को आशंका है कि सनातन धर्म विरोधी ताकतें सक्रिय हैं। वह संतों को बदनाम करके सनातन धर्म व उनके अनुयायियों की भावनाओं को आहत करना चाहती हैं। इसके मद्देनजर संन्यासी आनंद गिरी की रिहाई की मांग की है।
सक्रिय हैं धर्म विरोधी ताकतें
ओंकारानंद प्रयाग पीठाधीश्वर जगद्गुरु स्वामी ओंकारानंद सरस्वती का कहना है कि धर्म विरोधी ताकतें इधर सक्रिय हैं। वह संतों को बदनाम करके अपना प्रभाव भारत में जमाना चाहती हैं। भगवा आतंकवाद के नाम पर पहले भी ऐसा हो चुका है, इसलिए हमने सरकार से निष्पक्ष व ठोस कदम उठाने की मांग की है।
विदेशों में बढ़ते प्रभाव से हैं भयभीत
महेशाश्रम अखिल भारतीय दंडी संन्यासी प्रबंधन समिति के संरक्षक जगद्गुरु स्वामी महेशाश्रम कहते हैं कि कुंभ के जरिए सनातन धर्म का वैभव पूरी दुनिया में फैला है। सनातन धर्म का प्रभाव संतों के जरिए विदेशों में तेजी से फैल रहा है। धर्मविरोधी ताकतें इससे भयभीत होकर धर्मगुरुओं को निशाना बना रही हैं।
बड़ी है संतों की लक्ष्मण रेखा
प्रभाकर परमहंस प्रभाकर जी महाराज कहते हैं कि संत हो या सामान्य व्यक्ति कानून सबके लिए बराबर है। संतों के लिए तो लक्ष्मण रेखा ज्यादा बड़ी है, जिसका वह पालन करते हैं। अगर संत गलत आचरण करता है तो उसके खिलाफ भी कार्रवाई होनी चाहिए। लेकिन आरोप साजिश के तहत लगे हैं तो यह अनुचित है।
धर्महित का कार्य रोकने की साजिश
श्रीधरानंद प्राचीन मनकामेश्वर मंदिर के व्यवस्थापक श्रीधरानंद ब्रह्माचारी का कहना है कि आनंद गिरि योग, ध्यान व वैदिक शिक्षा का प्रचार-प्रसार विदेशों में तेजी से कर रहे हैं। वह धर्महित का काम न करने पाएं उसके लिए उन्हें अनर्गल आरोप में फंसाया गया है। अंत में सत्य व धर्म की जीत होगी, पूरा संत समाज आनंद गिरि के साथ है।
संतों ने साजिश लगाने का लगाया आरोप
महिलाओं से अमर्यादित आचरण के आरोप में आस्ट्रेलिया के सिडनी जेल में बंद योग गुरु स्वामी आनंद गिरि के मामले को संत साजिश से जोड़कर देख रहे हैं। संतों को आशंका है कि सनातन धर्म विरोधी ताकतें सक्रिय हैं। वह संतों को बदनाम करके सनातन धर्म व उनके अनुयायियों की भावनाओं को आहत करना चाहती हैं। इसके मद्देनजर संन्यासी आनंद गिरी की रिहाई की मांग की है।
सक्रिय हैं धर्म विरोधी ताकतें
ओंकारानंद प्रयाग पीठाधीश्वर जगद्गुरु स्वामी ओंकारानंद सरस्वती का कहना है कि धर्म विरोधी ताकतें इधर सक्रिय हैं। वह संतों को बदनाम करके अपना प्रभाव भारत में जमाना चाहती हैं। भगवा आतंकवाद के नाम पर पहले भी ऐसा हो चुका है, इसलिए हमने सरकार से निष्पक्ष व ठोस कदम उठाने की मांग की है।
विदेशों में बढ़ते प्रभाव से हैं भयभीत
महेशाश्रम अखिल भारतीय दंडी संन्यासी प्रबंधन समिति के संरक्षक जगद्गुरु स्वामी महेशाश्रम कहते हैं कि कुंभ के जरिए सनातन धर्म का वैभव पूरी दुनिया में फैला है। सनातन धर्म का प्रभाव संतों के जरिए विदेशों में तेजी से फैल रहा है। धर्मविरोधी ताकतें इससे भयभीत होकर धर्मगुरुओं को निशाना बना रही हैं।
बड़ी है संतों की लक्ष्मण रेखा
प्रभाकर परमहंस प्रभाकर जी महाराज कहते हैं कि संत हो या सामान्य व्यक्ति कानून सबके लिए बराबर है। संतों के लिए तो लक्ष्मण रेखा ज्यादा बड़ी है, जिसका वह पालन करते हैं। अगर संत गलत आचरण करता है तो उसके खिलाफ भी कार्रवाई होनी चाहिए। लेकिन आरोप साजिश के तहत लगे हैं तो यह अनुचित है।
धर्महित का कार्य रोकने की साजिश
श्रीधरानंद प्राचीन मनकामेश्वर मंदिर के व्यवस्थापक श्रीधरानंद ब्रह्माचारी का कहना है कि आनंद गिरि योग, ध्यान व वैदिक शिक्षा का प्रचार-प्रसार विदेशों में तेजी से कर रहे हैं। वह धर्महित का काम न करने पाएं उसके लिए उन्हें अनर्गल आरोप में फंसाया गया है। अंत में सत्य व धर्म की जीत होगी, पूरा संत समाज आनंद गिरि के साथ है।
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