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इलाहाबाद विश्वविद्यालय में बिना परीक्षा छात्रों को प्रमोट करने की उठी मांग, समाजवादी छात्रसभा आगे आया Prayagraj News

छात्रनेता ने कहा कि इलाहाबाद विश्वविद्यालय के छात्र छात्राओं के स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए इविवि प्रशासन को भी परीक्षाओं को प्रमोट करने का निर्देश जारी करना चाहिए।

By Brijesh SrivastavaEdited By: Published: Fri, 29 May 2020 01:30 PM (IST)Updated: Fri, 29 May 2020 06:18 PM (IST)
इलाहाबाद विश्वविद्यालय में बिना परीक्षा छात्रों को प्रमोट करने की उठी मांग, समाजवादी छात्रसभा आगे आया  Prayagraj News
इलाहाबाद विश्वविद्यालय में बिना परीक्षा छात्रों को प्रमोट करने की उठी मांग, समाजवादी छात्रसभा आगे आया Prayagraj News

प्रयागराज, जेएनएन। इलाहाबाद विश्वविद्यालय में बगैर परीक्षा प्रमोट किए जाने की मांग फिर से तेज होने लगी है। समाजवादी छात्रसभा ने आइआइटी कानपुर व दिल्ली विश्वविद्यालय की तर्ज पर इविवि में भी इस फार्मूले को लागू करने की मांग की है।

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समाजवादी छात्रसभा की ऑनलाइन आपात बैठक हुई

समाजवादी छात्रसभा की ऑनलाइन आपात बैठक इलाहाबाद विश्वविद्यालय छात्रसंघ के पूर्व अध्यक्ष उदय प्रकाश यादव और छात्र नेता अजय सम्राट के अध्यक्षता में हुई। सभा का संचालन करते हुए पूर्व छात्रसंघ अध्यक्ष भूपेंद्र यादव व पूर्व उपाध्यक्ष आदिल हमजा ने अपनी बात कही। उन्होंने कहा कि कोरोना जैसे वैश्विक महामारी को देखते हुए देश की उच्च शिक्षण संस्थान आइआइटी कानपुर ने यह निर्णय लिया कि हम देश की असामान्य परिस्थितियों को देखते हुए सेमेस्टर, कंसाइनमेंट और प्रोजेक्ट  के आधार पर छात्रों को ग्रेड प्रदान कर प्रमोट कर देंगे। इसके अलावा बच्चों को स्वास्थ्य के लिए विशेष गाइडलाइन जारी करेंगे। इलाहाबाद विश्वविद्यालय में पढऩे वाले 36000 छात्र छात्राओं को स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए विश्वविद्यालय प्रशासन को भी परीक्षाओं को प्रमोट करने का निर्देश जारी करना चाहिए।

इलाहाबाद विश्वविद्यालय प्रशासन अभी तक मौन है

इलाहाबाद विश्वविद्यालय छात्रसंघ के पूर्व अध्यक्ष अवनीश यादव व पूर्व उपाध्यक्ष चंद्रशेखर चौधरी ने कहा कि दिल्ली विश्वविद्यालय शिक्षक संघ ने सर्वे किया है। इसमें पाया गया कि अधिकतर विद्यार्थी विभिन्न कारणों से एंजायटी से गुजर रहे हैं। ऐसे में पारंपरिक परीक्षा और ओपन बुक परीक्षा के लिए सहमत नहीं हैं। अब दिल्ली विश्वविद्यालय भी सेमेस्टर परीक्षा को निरस्त करते हुए डायरेक्ट प्रमोशन पर विचार कर रहा है। ऐसे में इलाहाबाद विश्वविद्यालय प्रशासन अभी तक मौन क्यों है।

परीक्षाएं हुई तो महामारी से उत्पन्न जीवन भर का उत्तरदाई कौन होगा

वरिष्ठ छात्र नेता अजीत विधायक व छात्रसंघ संयुक्त एवं प्रकाशन मंत्री सत्यम सिंह सनी ने कहा कि यदि परीक्षाएं आयोजित हुई तो महामारी से उत्पन्न जीवन भर का उत्तरदाई कौन होगा। सर्वसम्मति से यह निर्णय लिया गया कि उपरोक्त तथ्यों और परिस्थितियों के आधार पर 36000 छात्र-छात्राओं की सुरक्षा करते हुए पिछले परफारमेंस के आधार पर डायरेक्ट प्रमोशन करने के दिशा निर्देश जारी किया जाए। इसका मांगपत्र कार्यवाहक कुलपति प्रो आरआर तिवारी को सौंप दिया गया। पत्र की कापी मंत्रालय के अलावा यूजीसी को भी भेज दी गई है।


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