UPPSC अध्यक्ष को अभद्र मैसेज भेजने वाला दिल्ली निवासी दिव्यांग दर्जी निकला Prayagraj News
उप्र लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष के मोबाइल पर अभद्र एसएमएस भेजने वाला अपराधी नहीं था बल्कि एक दिव्यांग दर्जी था। दिल्ली निवासी दर्जी को पुलिस ने पकड़ा फिर छोड़ दिया।
प्रयागराज, जेएनएन। उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (यूपीपीएससी) के अध्यक्ष डॉ. प्रभात कुमार को अभद्र मैसेज भेजने वाला कोई अपराधी नहीं बल्कि पैरों से दिव्यांग दर्जी निकला। वह अलीगढ़ का भाजपा नेता नहीं है, दिल्ली का रहने वाला शाकिर है। पुलिस टीम ने दिल्ली जाकर उससे पूछताछ की। चेतावनी के बाद उसे माफीनामा लिखाकर छोड़ दिया गया है।
मोबाइल पर कॉल करने के लिए एसएमएस किया गया था
उत्तर प्रदेश लोकसेवा आयोग के अध्यक्ष डॉ. प्रभात कुमार शुक्रवार शाम अपने कार्यालय में थे तभी एक मोबाइल नंबर से उन्हें चार बार कॉल करने के बाद एसएमएस किया गया। मैसेज में अपशब्द के साथ लिखा था कि कॉल रिसीव करो। इसी नंबर से बेसिक शिक्षा परिषद की सचिव रूबी सिंह को भी कई बार कॉल और मैसेज किया गया था। डॉ. प्रभात कुमार के निजी सचिव ने उस नंबर पर कॉल की तो मैसेज करने वाले ने खुद को अलीगढ़ में भाजपा का जिला महामंत्री शाकिर अली बताया। पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर कॉल डिटेल निकलवाई। उस नंबर की लोकेशन दिल्ली में थी जबकि उसने खुद को अलीगढ़ का नेता बताया था।
विवेचना अधिकारी उपनिरीक्षक भारत सिंह को पुलिस टीम संग दिल्ली रवाना कर दिया गया।
दिल्ली के त्रिवेणीपुरम निवासी दिव्यांग शाकिर को पकडा, माफीनामा पर छोड़ा
सीओ द्वितीय बृज नारायण सिंह के मुताबिक, पुलिस टीम ने फोन और मैसेज करने वाले शाकिर को दिल्ली में पकड़ लिया। वह दिल्ली के त्रिवेणीपुरम का रहने वाला दर्जी शाकिर है। सिमकार्ड उसकी पत्नी की आइडी पर लिया गया था। उसे किसी तरह से पुलिस ने मयूर विहार थाने में लाकर पूछताछ की। उसे हिरासत में लिए जाने पर घरवाले इतना घबरा गए कि कोई थाने नहीं आया। उसका कोई आपराधिक रेकार्ड नहीं मिला। वह नशे का लती है। उसे माफीनामा लिखाकर पुलिस ने मयूर विहार थाने से घर भेज दिया।
बहनों के फेर में फंस गया दर्जी
सीओ बृज नारायण सिंह के मुताबिक, उन्होंने भी फोन पर शाकिर से बात की। उसने कहा कि उसकी दो बहनें यूपी शिक्षा ïिवभाग में हैं। उनका तबादला दिल्ली के पास कराने के लिए उसने एक व्यक्ति से बात की थी। उसने ही रूबी सिंह और डॉ. प्रभात का नंबर दिया था। इसीलिए उसने इन दो वरिष्ठ अधिकारियों को फोन और मैसेज किए। उसे लगा कि फोन पर कहने से ही तबादला हो जाएगा। हालांकि दिल्ली से लौट रही पुलिस टीम ने कहा कि वह बहनों के बारे में भी झूठ बोल रहा है।