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सिंचाई की समस्‍या को लेकर यमुनापार के किसान परेशान न हों, आपको मिलेगी राहत Prayagraj News

तीनों नहरों के डिविजन में अक्सर तालमेल की कमी होती थी जिससे रोस्टर भी अनुपयोगी साबित होते थे। बाणसागर नहर परियोजना में शामिल होंगे तो तीनों की सर्किल एक होगी।

By Brijesh SrivastavaEdited By: Published: Sun, 16 Feb 2020 06:44 PM (IST)Updated: Mon, 17 Feb 2020 07:42 AM (IST)
सिंचाई की समस्‍या को लेकर यमुनापार के किसान परेशान न हों, आपको मिलेगी राहत Prayagraj News
सिंचाई की समस्‍या को लेकर यमुनापार के किसान परेशान न हों, आपको मिलेगी राहत Prayagraj News

प्रयागराज, जेएनएन। अभी तक यमुनापार में सिंचाई की समस्‍या से किसान जूझते रहे हैं। अब उनके लिए अच्‍छी खबर है। यमुनापार के किसान परेशान न हों, क्‍योंकि अब आपको राहत मिलने वाली है। उनके खेतों को पर्याप्त पानी मिल सकेगा, जिससे फसल का अच्‍छा उत्‍पादन भी कर सकेंगे। इतना ही नहीं, सिंचाई के लिए होने वाले विभिन्न नहरों के खंड के विवादों पर विराम भी लगेगा।

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तीन नहर खंड नहर परियोजना में शामिल

यमुनापार के तीन नहर खंड टोंस, बेलन व बाघला बाणसागर नहर परियोजना में शामिल करने के लिए प्रस्ताव शासन को भेजा है। इससे लगभग 40 हजार हेक्टेयर भूमि की सिंचाई आसान हो जाएगी, जिससे लगभग डेढ़ लाख किसानों को लाभ होगा। यमुनापार के मेजा, मांडा, उरुवा, कोरांव, नारीबारी, कौंधियारा, करछना, जसरा, चाका, शंकरगढ़, बारा, खीरी आदि इलाके में बेलन, बाघला व टोंस पंप कैनाल से सिंचाई का पानी जाता है। यह तीनों अभी तक सिंचाई कार्य मंडल प्रयागराज के तहत थे। तीनों नहरों के डिविजन में अक्सर तालमेल की कमी होती थी, जिससे रोस्टर भी अनुपयोगी साबित होते थे। बाणसागर नहर परियोजना में शामिल होंगे तो तीनों की सर्किल एक होगी।

बोले बाणसागर नहर परियोजना के मुख्‍य अभियंता

बाणसागर नहर परियोजना के मुख्य अभियंता का कार्यालय प्रयागराज में ही होने से नियंत्रण और खंडों के बीच सामंजस्य बेहतर हो सकेगा। बाणसागर नहर परियोजना के मुख्य अभियंता दिव्यकृष्ण मिश्र ने बताया कि नहरों का सही समय पर संचालन होगा तो फसलों का उत्पादन बढ़ेगा। प्रस्ताव शासन को भेजा है। इससे यमुनापार के किसानों को सिंचाई की दिक्कत नहीं होगी।

बाणसागर का खंड व सर्किल बंद

बाणसागर नगर निर्माण खंड का कार्य लगभग समाप्त होने से खंड-दो टूट गया है, जिसका स्टॉफ लखनऊ भेजा है। सर्किल भी टूट गई जिसका स्टॉफ अब अनुसंधान नियोजन मंडल में समायोजित हो गया है। प्रयागराज की सिंचाई की सर्किल वर्तमान में मुख्य अभियंता सोन नहर वाराणसी के अधीन है, नए प्रस्ताव पर मुहर लगने पर जिले की सर्किल बाणसागर परियोजना के अंतर्गत होगी।


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