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प्रतापगढ़ की बेटी शर्मिष्ठा ने उठाई थानों में शौचालय बनाने की आवाज, सहेली के साथ मिलकर बनाई रूपरेखा

शहर के सेनानी नगर की स्कूल संचालिका मधु पांडेय और राजेश पांडेय की बेटी शर्मिष्ठा पांडेय एसएस खन्ना कालेज प्रयागराज में एलएलबी कर रहीं है। उसने बीते दिनों जब सरकार के स्वच्छ भारत अभियान के दूसरे स्याह पहलू को अपनी जनहित याचिका का विषय बनाया।

By Ankur TripathiEdited By: Published: Fri, 12 Mar 2021 03:30 PM (IST)Updated: Fri, 12 Mar 2021 03:30 PM (IST)
प्रतापगढ़ की बेटी शर्मिष्ठा ने उठाई थानों में शौचालय बनाने की आवाज, सहेली के साथ मिलकर बनाई रूपरेखा
महिला वर्दीधारियों व वहां जाने वाली फरियादियों की इस पीड़ा को आवाज दी प्रतापगढ़ की बेटी ने

प्रयागराज, जेएनएन। दूसरों की मदद करने वाली महिला पुलिस को थानों में शौचालय की सुविधा भी ठीक तरह से नहीं मिल रही। यह हाल प्रतापगढ़ ही नहीं, प्रदेश के कई सारे थानों का है। महिला वर्दीधारियों व वहां जाने वाली फरियादियों की इस पीड़ा को आवाज दी प्रतापगढ़ की बेटी ने। उसने अपनी एक सहेली अंजली के साथ कोर्ट की शरण ली। कोर्ट ने उसकी बातों को समझा व सरकार को कठघरे में खड़ा कर दिया।

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शर्मिष्ठा को लोगों की मिल रही है सराहना

शहर के सेनानी नगर की स्कूल संचालिका मधु पांडेय और राजेश पांडेय की बेटी शर्मिष्ठा पांडेय एसएस खन्ना कालेज प्रयागराज में एलएलबी कर रहीं है। उसने बीते दिनों जब सरकार के स्वच्छ भारत अभियान के दूसरे स्याह पहलू को अपनी जनहित याचिका का विषय बनाया। अपने पिता से प्रेरणा लेकर उसने ऐसा किया। उसकी बात को हाईकोर्ट इलाहाबाद ने याचिका के रूप में स्वीकार करके गंभीरता से सुना यूपी सरकार से कई सवाल दागे। कहा कि थानों में शौचालय व मूत्रालय की क्या व्यवस्था है, कितने थाने में है, कितने में नहीं, कब तक बनेंगे, यह सारी जानकारी शपथ पत्र के रूप में प्रस्तुत करे। बेल्हा की बेटी की आवाज को कोर्ट द्वारा संज्ञान लेने पर स्वजन उत्साहित हैं। जिले के लोग भी बेटी की सराहना कर रहे हैं।

और आवाज उठाने की ठान ली

शर्मिष्ठा ने बताया कि ऐसा उसने कई बार देखा कि थानों में तैनात महिला कर्मी इस तरह की मूलभूत सुविधा के न होने से परेशान होती हैं। इस पर आवाज उठाने की ठान ली। उत्साह तब बढ़ गया जब न्यायमूर्ति संजय यादव व जे एन बनर्जी जी ने सरकार को फटकार लगाई। त्वरित कार्रवाई की रिपोर्ट मांगी। महिला ही महिला की पीड़ा को नहीं समझेगी तो फिर भला नारी सशक्तीकरण कैसे होगा। ऐसा सोचकर यह कदम उठाया। शर्मिष्ठा के कार्य की सराहना करते हुए धर्माचार्य ओम प्रकाश पांडेय ने कहा कि इस छात्रा का यह कदम मील का पत्थर साबित होगा। छात्रा के मामा हेमंत शुक्ला ने भी उसका हौसला बढ़ाया। 


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