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DAP Crisis in Prayagraj: किसान कई दिन तक लाइन में लगते हैं, तब मिलती है 3 बोरी डीएपी

DAP Crisis in Prayagraj इन दिनों डीएपी के लिए किसानों को भारी मुसीबत झेलनी पड़ रही है। साधन सहकारी समितियों में अनियमितता का माहौल है। वहीं खाद की किल्लत के कारण चोरी छिपे निजी दुकानाें पर किसानों काे खुलेआम मनमाने रेट में खाद बेची जा रही है।

By Brijesh SrivastavaEdited By: Published: Fri, 03 Dec 2021 07:49 AM (IST)Updated: Fri, 03 Dec 2021 07:49 AM (IST)
DAP Crisis in Prayagraj: किसान कई दिन तक लाइन में लगते हैं, तब मिलती है 3 बोरी डीएपी
साधन सहकारी समितियों में अनियमितता और दुकानों में निर्धारित से अधिक मूल्‍य पर डीएपी बेची जा रही है।

प्रयागराज, जागरण संवाददाता। हे भगवान, ई किसानन के जिंदगी में इतना परेशानी काहै है, खेत जोते वोबई के समय में सब किसानी के काम-धाम छोड़ के बिना खाए-पिए सवेरे से आधार खतौनी लेहे लाइन लगायन और फिर खाद नहीं मिली। फिर दूसरे-तीसरे दिन लाइन लगायन और संझा तक मा 3 बोरी डीएपी मिली। का खेत वोबई होई भगवानई मालिक है। किसानन के तौ ई सरकारव कहई का तो अन्नदाता कहत-फिरत बा, पर किसानन के लागत है कौनव चिंता नहीं है। खाद खातिर दर-दर भटकी और सेठन के दुकानन मे ता 1400 रुपये का खाद विकत बा सब अधिकारिन और कर्मचारिन का खेल बाटै।

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शंकरगढ़ के एक साधन सहकारी समिति का हाल

यह दुख है प्रयागराज जिला के विकास खंड शंकरगढ़ के झंझरा चौबे के एक किसान का, जिसे साधन सहकारी समिति में खाद के लिए लाइन लगाने के बाद 3 बोरी खाद मिल सकी। यह वास्तविकता न जाने कितने किसानों को झेलनी पड़ रही है, जिसे कोई भी नहीं नकार सकता।

किसानों को झेलनी पड़ रही फजीहत

आखिर ऐसी नौबत क्यो आई कि किसान अपना खेती का कार्य छोड़कर दिन भर लाइन लगा रहे हैं और 3 बोरी डीएपी का मानक रखा जाए। साथ ही आधार की कापीं और खतौनी के चक्कर में पहले तहसील या सीएसी सेंटर में भटके यह नियम कहां से और कैसे लागू होता है, यह सवाल किसानों के जेहन में आ रहे हैं।

नगर किसान सेवा सहकारी समिति नारीबारी का हाल

भारत नगर किसान सेवा सहकारी समिति नारीबारी का हाल आप भी जानें। इस केंद्र में आने वाले किसानों का आरोप है कि उनका खुलेआम शोषण किया जा रहा है। यहां गुरुवार को 1200 रुपये के खाद को 1210 रुपये में बेचा जा रहा था। जब संवाददाता ने पूछा 1200 रुपये डीएपी खाद का रेट है त़ो 1210 रुपये क्यों लिया जा रहा है? तब सफाई दी गई यह लेबर चार्ज और माल मंगाने में कुछ खर्चे लगते हैं। उसके लिए अतिरिक्त रेट लिए जा रहे है। इसकी सच्चाई रजिस्टर में दर्ज सैकडो़ं किसानों के मोबाइल नंबर पर काल करने से असिलियत पता चल जाएगा।

निजी दुकानों पर डीएपी का मनमाना रेट

चोरी छिपे इस केंद्र के साथ ही अन्य केंद्रों व निजी दुकानों पर भी खाद की किल्लत के कारण किसानों काे खुलेआम मनमाने रेट में खाद बेची जा रही है। मजबूरी में किसान अधिक रेट देकर खरीद कर रहे हैं। इसमें अधिकारियों की संलिप्पतता का भी आरोप लग रहा है।


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