माघ मेला में दंडी संन्यासियों तथा कल्पवासियों ने जल बचाएंगे और जंगल बढ़ाएंगे का लिया संकल्प
स्वामी महेशाश्रम ने कहा कि मां गंगा सहित समस्त नदियों व तालाबों की रक्षा करना हमारा कर्तव्य है। नदी तालाब व पेड़ रहेंगे तभी मानव का जीवन सुरक्षित होगा। इस सच्चाई को समझने की जरूरत है। घर में किसी के जन्म व मृत्यु होने पर उसके नाम से पौधारोपण करें।
प्रयागराज, जेएनएन। आसमान से सूर्य की किरणें ओझल होने की तैयारी में थीं। मौसम में हल्की ठंडक के एहसास ने माघ मेला क्षेत्र में चहल-पहल बढ़ा दिया। इसी बीच हाथों में घंटा, घडिय़ाल लेकर सैकड़ों दंडी संन्यासी व कल्पवासी 'गंगा मइया की जय का उद्घोष करते हुए शिविर से निकल पड़े। अखिल भारतीय दंडी संन्यासी परिषद के संरक्षक जगद्गुरु स्वामी महेशाश्रम के नेतृत्व में सभी गंगा घाट पहुंचे। मंत्रोच्चार के बीच मां गंगा की आरती उतारी। सबको हाथ में गंगा जल लेकर 'जल बचाएंगे, जंगल बढ़ाएंगे का संकल्प दिलाया गया। फिर सबने मां गंगा के पवित्र जल में दीपों का दान किया।
स्वामी महेशाश्रम ने कहा कि मां गंगा सहित समस्त नदियों व तालाबों की रक्षा करना हमारा कर्तव्य है। नदी, तालाब व पेड़ रहेंगे तभी मानव का जीवन सुरक्षित होगा। इस सच्चाई को समझने की जरूरत है। कहा कि घर में किसी के जन्म व मृत्यु होने पर उसके नाम से पौधारोपण करें। इस दौरान परिषद के महामंत्री स्वामी शंकर आश्रम, ब्रह्मस्वरूप ब्रह्मचारी, आचार्य धनंजय आदि मौजूद रहे।
अविरलता ही गंगा को बचाने का मूल मंत्र
गंगा भारत की आत्मा हैं। इनका हमारे जीवन में बहुत बड़ा योगदान है। अविरलता ही गंगा को बचाने का मूल मंत्र है। यह कहना है फूलपुर सांसद केशरी देवी पटेल का। वह माघ मेले में गंगा सेवा मंच की ओर से लगाई गई प्रदर्शनी का अवलोकन कर रही थीं। उन्होंने कहा कि इस तरह की प्रदर्शनी जनजागरूकता में बड़ा योगदान करेगी। लोगों को उनकी जिम्मेदारी का भी एहसास कराएगी। जब तक सभी लोग सजग होकर अपनी जिम्मेदारी नहीं निभाएंगे तब तक गंगा की निर्मलता संभव नहीं है। सरकारी प्रयास तक सीमित रहना ठीक नहीं है। इस मौके पर गंगा सेवा मंच के अध्यक्ष असिस्टेंट प्रो. डॉ. प्रमोद शर्मा, ज्योति शर्मा, शशांक शेखर पांडेय, चंद्रिका पटेल आदि मौजूद रहे।