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प्रयागराज में बही गायन, वाहन व नृत्‍य की गंगा, पद्मभूषण पंडित सामता प्रसाद को समर्पित था कार्यक्रम

ट्रस्ट की सचिव डॉ. रेनू जोहरी ने कहा कि पंडित गुदई महाराज फिल्म इंडस्ट्री के पसंदीदा तबला कलाकार थे। उनके तबला वादन को ध्यान में रखकर गीतों की रचना की जाती थी। उन्होंने झनक- झनक पायल बाजे महबूबा किनाराशोलेइत्यादि अनेक फिल्मों में अपने अपूर्व वादन की छटा बिखेरी।

By Brijesh SrivastavaEdited By: Published: Fri, 01 Jan 2021 09:46 AM (IST)Updated: Fri, 01 Jan 2021 09:46 AM (IST)
प्रयागराज में बही गायन, वाहन व नृत्‍य की गंगा, पद्मभूषण पंडित सामता प्रसाद को समर्पित था कार्यक्रम
पद्मभूषण प. सामता प्रसाद को समर्पित कार्यक्रम का आयोजन किया गया।

प्रयागराज, जेएनएन। प्रयागराज में पद्मभूषण प. सामता प्रसाद को समर्पित कार्यक्रम का आयोजन किया गया। समारोह में गायन, वादन और नृत्‍य के माध्‍यम से कलाकारों ने अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन किया। मौजूद लोगों ने उनकी प्रस्‍तुति की सराहना की। वक्‍ताओं ने पंडित गुदई महाराज के व्‍यक्तित्‍व पर चर्चा की। फिल्‍म इंडस्‍ट्री में भी उनके योगदान को बताया गया।

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पद्मभूषण पं. सामता प्रसाद ट्रस्ट ऑफ तबला प्रयागराज के तत्वावधान में समारोह का आयोजन किया गया। सर्वप्रथम ट्रस्ट की सचिव डॉ. रेनू जोहरी ने दीप प्रज्‍जवलन कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया। उन्होंने कहा कि पंडित गुदई महाराज फिल्म इंडस्ट्री के पसंदीदा तबला कलाकार थे। उनके तबला वादन को ध्यान में रखकर गीतों की रचना की जाती थी। उन्होंने झनक- झनक पायल बाजे, महबूबा, किनारा,शोले,इत्यादि अनेक फिल्मों में अपने अपूर्व वादन की छटा बिखेरी। बड़े-बड़े संगीतकार उनके मुरीद थे। आरडी. बर्मन व  बप्पी लहरी ने तो उनसे गंडाबंधन कराया था। ऐसे लोकप्रिय कलाकार को उनकी 101 वीं जन्म जयंती वर्ष में कोटिश: नमन।

सांस्‍कृतिक कार्यक्रमों की शुरूआत पटियाला से उस्ताद नरिंदर नरूला ने सितार से किया। उन्‍होंने 'होठों से छू लो तुम' व 'आज जाने की जिद न करो'  गीत आकर्षक अंदाज में प्रस्तुत किया। वहीं दिल्‍ली के निरंजना शर्मा ने उप शास्त्रीय नृत्य की अनोखी प्रस्‍तुति की। डॉ. नमिता यादव ने 'बहिया न धरो, व जिया ले गयो जी मेरा सांवरिया' समेत अन्‍य गीतों का समधुर गायन किया। उनके साथ नागेंद्र मिश्रा ने संगति की।

इसके बाद डॉ. श्रेया श्रीवास्तव ने 'मैं तुलसी तेरे आंगन की' व 'रैना बीत जाए...' गीत को स्वर दिया। अंत में वाराणसी के सनी मिश्रा ने 'नाम गुम जाएगा....' व 'कुछ तो लोग कहेंगे....' सरीखे सहाबहार गीतों की प्रस्‍तुति कर श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया। कामिनी निषाद ने कार्यक्रम का संचालन किया। इस कार्यक्रम का ऑनलाइन हजारों लोगों ने आनंद लिया। इसमें ऊर्जा, स्फूर्ति, अंतस, एकता गुप्ता ने सक्रिय योगदान दिया।


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