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Shilp Mela: आज से लीजिए शिल्प मेला में मनोरंजन, खरीदारी, खानपान का लुत्फ

शिल्प मेले का शुभारंभ बुधवार को मंडलायुक्त संजय गोयल ने किया। साथ ही शोभा यात्रा भी निकाली गई। केंद्र के निदेशक प्रोफेसर सुरेश शर्मा ने बताया कि इस बार कुछ अहम बदलाव किए गए हैं। जैसे कि सभी दलों के कलाकारों के आधार नंबर को पंजीकृत किया गया है।

By Ankur TripathiEdited By: Published: Wed, 01 Dec 2021 07:20 AM (IST)Updated: Wed, 01 Dec 2021 07:15 PM (IST)
Shilp Mela: आज से लीजिए शिल्प मेला में मनोरंजन, खरीदारी, खानपान का लुत्फ
जयपुर की कच्ची घोड़ी नृत्य और हरियाणा का बीन वादन प्रमुख आकर्षण

प्रयागराज, जागरण संवाददाता। संगमनगरी में आज यानी एक दिसंबर से सांस्कृतिक छटा बिखरने लगी है। यहां उत्तर मध्य क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र (एनसीजेडसीसी) प्रांगण के शिल्प हाट में राष्ट्रीय शिल्प मेले की शुरूआत हो गई। यह मेला 12 दिसंबर तक लगा रहेगा। इसमें विभिन्न राज्यों के लोक कलाकार अपनी कला को मंच पर प्रदर्शित करेंगे तो हस्तशिल्प कलाकारों का जमावड़ा भी होगा। जयपुर राजस्थान का कच्ची घोड़ी नृत्य और हरियाणा के रामबीर सोडा दल की ओर से बीन वादन प्रमुख आकर्षण का केंद्र होंगे।

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मंडलायुक्त ने किया शुभारंभ, शोभा यात्रा भी निकाली गई

शिल्प मेले का शुभारंभ बुधवार को मंडलायुक्त संजय गोयल ने शाम को किया। साथ ही शोभा यात्रा भी निकाली गई। केंद्र के निदेशक प्रोफेसर सुरेश शर्मा ने बताया कि इस बार कुछ अहम बदलाव किए गए हैं। जैसे कि सभी दलों के कलाकारों के आधार नंबर को पंजीकृत किया गया है। इससे किसी भी कलाकार को केवल अपने ही पंजीकृत दल के साथ कला के प्रदर्शन का अवसर रहेगा। यदि वही कलाकार दूसरे दल में भी शामिल होकर प्रदर्शन करना चाहता है तो वह ऐसा नहीं कर पाएगा। दूसरी बदली हुई व्यवस्था में जो भी दल या कलाकार लगातार कई साल से एक ही तरह की कला का प्रदर्शन शिल्प मेले में करते रहे हैं उनकी जगह नए कलाकारों को मौका दिया गया है। मेले में 97 शिल्प कारीगर अपने स्टाल लगा रहे हैं तो 21 खाद्य पदार्थों के उस्ताद अपने क्षेत्र की पारंपरिक खाद्य सामग्री के स्टाल लगाएंगे।

छह शिल्पियों को अपने खर्चे पर बुलाया

केंद्र के निदेशक ने बताया कि अलग-अलग राज्यों के छह शिल्प कारीगर ऐसे हैं जो काफी निर्धन होते हुए भी अपनी कला को जीवंत बनाए रखे हैं। इन शिल्पियों को केंद्र के खर्चे पर इस राष्ट्रीय मेले में आमंत्रित किया गया है।

एक और तीन नंबर गेट से प्रवेश

राष्ट्रीय शिल्प मेले में आम लोगों के लिए गेट संख्या एक और तीन से प्रवेश हो रहा है। गेट संख्या दो का उपयोग केवल दुकानदारों को दुकान की सामग्री लाने के लिए है। मेले में प्रवेश के लिए एनसीजेडसीसी ने 10 रुपये का टिकट शुल्क निर्धारित किया है।

सजेगी सांस्कृतिक कार्यक्रमों की शाम

शिल्प मेले में मंच पर प्रत्येक शाम सांस्कृतिक कार्यक्रमों की महफिल सजेगी। इसमें विभिन्न राज्यों के लोक कलाकारों के साथ ही प्रयागराज के स्थानीय कलाकारों को भी मौका दिया गया है।


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