Maghi Purnima : चटक धूप के साथ ही माघ मेला क्षेत्र में बढ़ गई श्रद्धालुओं की भीड़ Prayagraj News
माघी पूर्णिमा का स्नान भोर से ही शुरू हो चुका है। अब तक लाखाें लोग गंगा यमुना और अदृश्य सरस्वती के पावन संगम में स्नान कर चुके हैं। आज ही कल्पवास का भी समापन होगा।
प्रयागराज, जेएनएन। माघ मेले का पांचवां प्रमुख स्नान पर्व माघी पूर्णिमा रविवार को मनाई जा रही है। ब्रह्म मुहूर्त में स्नान-ध्यान का सिलसिला शुरू हो गया है। माघ मेला प्रशासन ने दावा कि सुबह 10 बजे तक लगभग नौ लाख श्रद्धालुओं ने पावन संगम में पुण्य की डुबकी लगाई।
संगम पर स्नानार्थियों के पहुंचने का क्रम जारी है। संगम स्नान के बाद पूजन-अर्चन का दौर जारी है। आज ही कल्पवास का औपचारिक रूप से समापन हो जाएगा। मेला प्रशासन ने श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए पुख्ता व्यवस्था की है।
दोपहर 1.18 बजे तक है स्नान का पुण्य काल
माघी पूर्णिमा का काल सुबह 6.42 बजे से शुरू हो गया है लेकिन श्रद्धालुओं की मेले में अधिक भीड़ से आसार जताए जा रहे हैं कि संगम स्नान भोर में चार बजे के आसपास से ही शुरू हो गया है। माघी पूर्णिमा की पूर्व संध्या तक कल्पवासियों के शिविरों में नाते रिश्तेदार आकर रुके तो आसपास के जिलों व पड़ोसी राज्यों से भी लोग मेला क्षेत्र में पहुंच गए।
करीब 25 लाख लोगों के स्नान के लिए आने का दावा करते हुए मेला प्रशासन ने संगम पर व्यवस्था चाक चौबंद की हैं। घाट पर सुरक्षा कर्मियों के अलावा जल पुलिस के जवानों को स्टीमर तथा नाव के साथ सक्रिय कर दिया गया। संगम नोज पर भीड़ को नियंत्रित करने व गाडिय़ों का आवागमन रोकने के लिए पुलिस ने जगह-जगह बैरीकेडिंग कर रखा है।
कल्पवास का आज समापन हो जाएगा
ज्योतिषियों के अनुसार पुण्य काल भले ही सुबह 6.42 से दोपहर 3.01 बजे तक हो लेकिन स्नान-दान, जप-तप का महत्व नौ फरवरी को सूर्यास्त तक रहेगा। माघी पूर्णिमा पर संगम में स्नान पूरा होते ही कल्पवास का औपचारिक रूप से समापन हो जाएगा। कल्पवासियों के शिविरों के द्वार पर बोए गए जौ के पौधों की पूजा होगी और घर परिवार सहित इस पूजा में शामिल होने वाले अन्य लोगों को भोजन कराने का प्रबंध भी किया जा रहा है।
खास नजर
25 लाख के करीब श्रद्धालुओं के संगम में डुबकी लगाने का अनुमान
-6.42 बजे सुबह से लेकर दोपहर 1.18 बजे तक रहेगा पुण्य काल।
अधिकारी मेला क्षेत्र का ले रहे जायजा
मेला प्रशासन के अधिकारी संगम से किला घाट तक और गंगा नदी के अन्य घाटों पर भ्रमण कर स्नान की तैयारियों का जायजा ले रहे हैं। संगम नोज पर कुछ नए कांसे बिछाए गए हैं। घाट पर फिसलन से बचने के लिए रेत की बोरियों को भी दुरुस्त किया गया है।
ज्योतिषाचार्य आशुतोष वार्ष्णेय बोले
ज्योतिषाचार्य आशुतोष वार्ष्णेय कहते हैं कि माघ शुक्ल चतुर्दशी शनिवार की दोपहर 3.01 बजे तक रहेगी। उसके बाद पूर्णिमा तिथि का संचरण होगा। माघी पूर्णिमा नौ फरवरी को दोपहर 1.18 बजे तक रहेगी। उदया तिथि में पूर्णिमा होने के कारण स्नान सूर्य अस्त तक करने का महत्व रहेगा। इस बीच दान, जप, तप किया जा सकता है।