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पुलिस मुठभेड़ से अपराधियों में दहशत, प्रयागराज जिला छोड़कर भागने लगे हैं अपराध करने वाले

जिले में कई वर्ष बाद एनकाउंटर शुरू हुआ है। पहले कभी-कभी पुलिस और बदमाशों के बीच मुठभेड़ के मामले सामने आते थे। हालांकि करीब 15 वर्ष पहले शहर में मुठभेड़ के दर्जन भर से अधिक मामले हुए थे। उस समय इंस्पेक्टर राधेश्याम त्रिवेदी यहां थे।

By Brijesh SrivastavaEdited By: Published: Tue, 09 Feb 2021 11:11 AM (IST)Updated: Tue, 09 Feb 2021 11:11 AM (IST)
पुलिस मुठभेड़ से अपराधियों में दहशत, प्रयागराज जिला छोड़कर भागने लगे हैं अपराध करने वाले
इन दिनों प्रयागराज की पुलिस ने अपराधियों पर शिकंजा कस दिया है।

प्रयागराज, जेएनएन। प्रयागराज पुलिस ने जिस प्रकार पिछले कुछ दिनों से मुठभेड़ में दर्जन भर से अधिक बदमाशों को गिरफ्तार किया है, उससे अपराधों पर फिलहाल अंकुश लग गया है। लूट और छिनैती की घटनाओं का ग्राफ भी गिरा है। अपराधी जिला छोड़कर भाग निकले हैं। गंगापार और यमुनापार में सबसे अधिक बदमाशों से मुठभेड़ के मामले सामने आए हैं, जबकि शहर में दो मुठभेड़ ही हुई हैं। मुठभेड़ में जाे बदमाश पकड़े गए हैं, वे बेहद शातिर और अंतरराज्यीय व अंतरजनपदीय लुटेरे थे।  

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ग्रामीण इलाकों में हो रही थी ताबड़तोड़ घटनाएं

ग्रामीण इलाके गंगापार और यमुनापार में अपराधियों ने ताबड़तोड़ घटनाएं की थीं। खीरी में आभूषण व्यवसायी के पुत्र को अगवा कर कोरांव क्षेत्र में लेकर जाकर उसे मार डाला गया था। नैनी में पिकप चालक की हत्या कर दी गई थी। मऊआइमा में आरएसएस के खंड कार्यवाह को गोली मारी गई थी। इसी प्रकार कई और सनसनीखेज वारदातें हुई थीं। इसे लेकर पुलिस अफसरों ने मामले से जुड़े सभी अपराधियों की अभियान चलाकर गिरफ्तारी के निर्देश दिए थे।

कई वर्ष बाद शुरू हुआ एनकाउंटर

जिले में कई वर्ष बाद एनकाउंटर शुरू हुआ है। पहले कभी-कभी पुलिस और बदमाशों के बीच मुठभेड़ के मामले सामने आते थे। हालांकि, करीब 15 वर्ष पहले शहर में मुठभेड़ के दर्जन भर से अधिक मामले हुए थे। उस समय इंस्पेक्टर राधेश्याम त्रिवेदी यहां थे। वे जिस थाने में तैनात रहे बदमाशों से उनका आमना सामना होता रहा और कई बदमाशों को उन्होंने ढेर कर दिया था। आलम यह था कि बदमाश राधेश्याम त्रिवेदी के नाम से खौफ खाते थे। जिस थाने में राधेश्याम त्रिवेदी तैनात रहते थे, वहां अपराध शून्य की तरह हो जाता था।


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