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गोपाष्टमी पर गोशालाओं में गुड़ और फल खिलाकर की गई गायों की पूजा Prayagraj news

धार्मिक मान्यता के अनुसार गाय में 33 कोटि देवताओं का वास होता है। गोपाष्टमी पर गाय की पूजा करने का विधान है। इस्कान मंदिर की गोशाला की गायों को आचार्य वेणुविजय दास के नेतृत्व में समस्त गायों का पूजन करके गुड़ फल खिलाया गया।

By Ankur TripathiEdited By: Published: Sun, 22 Nov 2020 04:33 PM (IST)Updated: Sun, 22 Nov 2020 04:33 PM (IST)
गोपाष्टमी पर गोशालाओं में गुड़ और फल खिलाकर की गई गायों की पूजा Prayagraj news
कार्तिक शुक्लपक्ष की अष्टमी तिथि पर रविवार को गोपाष्टमी का पर्व मनाया गया।

प्रयागराज, जेएनएन। कार्तिक शुक्लपक्ष की अष्टमी तिथि पर रविवार को गोपाष्टमी का पर्व मनाया गया। सनातन धर्मावलंबियों ने गाय का पूजन करके उनके प्रति सम्मान व कृतज्ञता व्यक्त की। गोशालाओं में सुबह से लोगों के पहुंचने का सिलसिला शुरू हो गया। लोगों ने गाय को फल, हरा चारा, गुड़ खिलाकर आशीर्वाद लिया।

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इस्कान मंदिर में भी आराधना

गाय को आध्यात्मिक व दिव्य गुणों का स्वामी भी कहा गया है। धार्मिक मान्यता के अनुसार गाय में 33 कोटि देवताओं का वास होता है। गोपाष्टमी पर गाय की पूजा करने का विधान है। इस्कान मंदिर की गोशाला की गायों को आचार्य वेणुविजय दास के नेतृत्व में समस्त गायों का पूजन करके गुड़, फल खिलाया गया। गाय का पूजन करने के लिए मंदिर में अन्य भक्त भी आए। मठ बाघंबरी गद्दी में योगगुरु स्वामी आनंद गिरि ने समस्त गायों को गुड़, फल, हरा चारा खिलाकर पूजन किया।

माला पहनाकर किया पूजन

वहीं, कैवल्य धाम आश्रम में स्वामी हरिचैतन्य ब्रह्मचारी के नेतृत्व में गायों का पूजन हुआ। स्वामी हर्षचैन्य ब्रह्मचारी ने गायों को गंगाजल छिड़का। फिर अक्षत, इत्र अर्पित करके माला पहनाकर गुड़ व मिष्ठान खिलाकर आरती उतारी। हर्ष ने विधि-विधान से गाय व बछड़ों का पूजन करके जनकल्याण की कामना की। उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ खुद गायों की सेवा और ख्याल रखने के लिए जाने जाते हैं। उनके मुख्यमंत्री बनने के बाद प्रदेश में गो संरक्षण को अभियान की तरह चलाकर कई कदम उठाए गए। हर जनपद में बड़ी संख्या में गो संरक्षण केंद्र बनाए गए हैं जहां बेसहारा मवेशियों को रखकर उनकी सेवा की जाती है।   


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