Covid-19 संक्रमण मुक्त होने के बाद भी न हों बेफिक्र, संक्रमण से बचने के करें उपाय, डॉक्टरों की सलाह मानें
कोरोना से बचने की गाइडलाइन के अनुसार मुंह व नाक पर तीन लेयर वाला मास्क लगाना है हथेली को साबुन या सेनेटाइज करते रहना है और शारीरिक दूरी मानक का पालन करते रहना है। यह उन कोरोना संक्रमित लोगों के लिए भी है एंटीबॉडी बननी शुरू हो रही है।
प्रयागराज, जेएनएन। अब कोरोना वायरस का स्वरूप लगातार बदल रहा है। इसे डॉक्टर भी नहीं समझ पा रहे हैं। कोरोना से ठीक होने के बाद जिनके शरीर मे एंटीबॉडी बन रही है, उन्हें भी संक्रमण का खतरा है। कुछ लोग पहले निगेटिव और फिर पॉजिटिव हो रहे हैं। इसलिए होम आइसोलेशन के 21 दिन बाद भी कोरोना से बचने की सभी गाइडलाइन का पालन करते रहना अति आवश्यक होगा।
गाइडलाइन न छोड़ें, कोरोना की चेन तोड़ें
कोरोना से बचने की सरकारी गाइडलाइन के अनुसार मुंह व नाक पर तीन लेयर वाला मास्क लगाना है, हथेली को साबुन या सेनेटाइज करते रहना है और शारीरिक दूरी मानक का पालन करते रहना है। यह गाइडलाइन उनके लिए भी है, जो कोरोना संक्रमित हो चुके हैं और एंटीबॉडी बननी शुरू हो रही है। इसलिए सभी लोगों को इसी बचाव की सलाह चिकित्सकों द्वारा दी जा रही है।
निगेटिव रिपोर्ट आने के बाद फिर संक्रमित हुए
पिछले दिनों स्वरूपरानी नेहरू चिकित्सालय से निगेटिव बताकर डिस्चार्ज किए गए एक मरीज को परिवार के लोगों ने प्राइवेट अस्पताल में भर्ती कराया था। वहां मरीज में पुनः कोरोना संक्रमण पॉजिटिव पाया गया और अंततः उसकी मौत भी हो गई। एसआरएन सहित दूसरे अस्पतालों में अब भी कई मरीज भर्ती हैं, जिन्हें कोरोना संक्रमण दोबारा हुआ है।
एसीएमओ ने कोरोना की दूसरी लहर से बचने की दी सलाह
एसीएमओ डॉक्टर तीर्थलाल का कहना है की कोरोना की दूसरी लहर घातक है। इसके वायरस रूप बदल रहे हैं। इसने बचना होगा। कहा कि होम आइसोलेशन से बड़ी संख्या में लोग स्वस्थ हो रहे हैं। कोरोना संक्रमितों को 21 दिन घर मे ही रहने का नियम है लेकिन अब संक्रमण दोबारा भी हो रहा है। इसलिए सभी लोग गाइडलाइन का तब तक पालन करते रहें, जब तक कि कोरोना पर पूरी तरह से विजय न पा ली जाए।