COVID-19 की तीसरी लहर बच्चों पर भारी पड़ने की संभावना, जानें- प्रयागराज में स्वास्थ्य विभाग की व्यवस्था
अगर आपके बच्चे अक्सर बीमार हो जाते हैं मौसम बदलने पर उन्हें बुखार सर्दी जुखाम होता है पेट या चेस्ट की बामारी की कोई इलाज पहले से चल रहा है तो ज्यादा सावधानी बरतने की जरूरत है। बच्चों का इलाज और दवाएं नियमित करें तथा उन्हें हरी सब्जी जरूर खिलाएं।
प्रयागराज, जेएनएन। कोरोना वायरस की दूसरी लहर अब लगभग शांत पड़ चुकी है। हालांकि इस महामारी की तीसरी लहर की आशंका के मद्देनजर स्वास्थ्य विभाग भी तैयारी में जुटा है। तीसरी लहर के बारे में विशेषज्ञों का कयास है कि उसका विपरीत असर बच्चों पर अधिक पड़ेगा। इस आशंका की बल मिल रहे हैं ऐसे में आप भी अपने उन बच्चों के प्रति सचेत हो जाएं जिनकी इम्युनिटी कमजोर है।
अक्सर बीमार होते हैं बच्चे तो रहें सावधान
अगर आपके बच्चे अक्सर बीमार हो जाते हैं, मौसम बदलने पर उन्हें बुखार, सर्दी जुखाम होता है, पेट या चेस्ट की बामारी की कोई इलाज पहले से चल रहा है तो उन्हें ज्यादा सावधानी बरतने की जरूरत है। बच्चों का इलाज और दवाएं नियमित करें तथा उन्हें हरी सब्जी जरूर खिलाएं।
बच्चों में इम्युनिटी बढाने के लिए डाइटीशियन की मदद लें
बच्चों की इम्युनिटी बढ़ाने का उचित तरीका उनकी डाइट पर निर्भर है। डाइट कैसी हो इसके लिये डाइटीशियन की मदद ली जा सकती है।
स्वास्थ्य विभाग की यह है तैयारी
स्वास्थ्य विभाग बच्चों के लिए सरकारी अस्पतालों में करीब 85 बेड का इंतजाम कर रहा है। इनमें 40 बेड आइसीयू का होगा। चिल्ड्रन अस्पताल कोरोना संक्रमितों के लिए बेड सुरक्षित रखे जाएंगे। स्वरूपरानी नेहरू अस्पताल (एसआरएन) और बेली अस्पताल में भी तैयारी की जा रही है। एसआरएन अस्पताल को अन्य मरीजों के लिए भी तैयार किया जा रहा है। यहां करीब 1000 बेड की व्यवस्था की जाएगी।
बोले, मोतीलाल नेहरू मेडिकल का प्रधानाचार्य
मोतीलाल नेहरू मेडिकल का प्रधानाचार्य डॉक्टर एसपी सिंह का कहना है कि तीसरी लहर की आशंका है। हालांकि जिस व्यापक तरीके से इंतेजाम किए जा रहे हैं, उससे कोरोना का असर मामूली ही रह जाएगा। कोशिश रहेगी कि नुकसान कम से कम हो लेकिन लोगों को भी तैयारी रखनी होगी। जिस तरह से दूसरी लहर में बचाव किया है, वैसा ही तरीका भविष्य की आशंकाओं को भी देखते हुए अपनाना पड़ेगा।