जवाहर पंडित हत्याकांड मामले में करवरिया बंधु पर दोष सिद्ध, चार नवंबर को कोर्ट सजा सुनाएगी Prayagraj News
सिविल लाइंस स्थित पैलेस सिनेमा के पास 13 अगस्त 1996 को विधायक जवाहर पंडित की हत्या एके-47 से कर दी गई थी। आरोपित करवरिया बंधु नैनी जेल में बंद हैं। कोर्ट ने फैसला सुनाया।
प्रयागराज, जेएनएन। विधायक जवाहर पंडित हत्याकांड के मामले में कोर्ट ने करवरिया बंधु को दोष सिद्ध किया है। अब सजा के बिंदु पर सुनवाई होगी। अब चार नवंबर को कोर्ट सजा का ऐलान करेगी। 13 अगस्त 1996 में सिविल लाइंस में एके-47 से सपा विधायक जवाहर पंडित की हत्या हुई थी। मामले में भाजपा के पूर्व विधायक उदयभान करवरिया, उनके बड़े भाई बसपा के पूर्व सांसद कपिल मुनि करवरिया, छोटे भाई सूरज भान करवरिया और रामचंद्र उर्फ कल्लू पर आरोप हैं। चारों अभियुक्त नैनी सेंट्रल जेल में बंद हैं। एडीजे पंचम बद्री विशाल पांडे की कोर्ट में अभियोजन ने आरोप सिद्ध किया।
कचहरी परिसर खचाखच भरा था
बहुचर्चित विधायक जवाहर पंडित हत्याकांड में गुरुवार को कोर्ट अपना फैसला सुनाएगी। इसकी जानकारी लोगों को थी। इसलिए दोपहर में कचहरी परिसर से लेकर सड़क तक करवरिया बंधुओं के समर्थकों के साथ ही लोगों की भीड़ लगी थी। सुरक्षा के लिए पुलिस फोर्स की भी व्यवस्था थी। सेंट्रल जेल नैनी से करवरिया बंधुओं और रामचंद्र मिश्र को हिरासत में एडीजे कोर्ट में पेश किया गया था।
दोषियों को मिले कड़ी सजा : पूर्व विधायक विजमा
जवाहर पंडित हत्याकांड में आरोपित करवरिया बंधुओं को अदालत की ओर से दोष सिद्ध किए जाने पर पूर्व विधायक और जवाहर पंडित की पत्नी विजमा यादव ने संतुष्टि जताई है। कहा है कि अदालत पर उन्हें पूरा भरोसा है। एक महिला की मांग का सिंदूर मिटाने वालों को कड़ी से कड़ी सजा मिलनी चाहिए। उन्होंने प्रदेश सरकार पर तंज कसते हुए कहा कि योगी सरकार ने तो मुकदमा ही वापस ले लिया था।
दैनिक जागरण से कहा, 23 साल तक उन्होंने न्याय पाने के लिये संघर्ष किया
विजमा यादव ने दैनिक जागरण से बातचीत में कहा कि 23 साल तक उन्होंने न्याय पाने के लिये संघर्ष किया। यह काफी लंबी अवधि रही लेकिन, अदालत से हमेशा न्याय की उम्मीद थी इसलिए हौसला बनाए रखा। इस बीच कई परेशानी भी सामने आई जिनका डटकर मुकाबला किया। कहा कि जवाहर पंडित गरीब, किसानों की लड़ाई लड़ते थे। उन किसानों की दुआ भी साथ में रही और हमें न्याय मिला। विजमा ने कहा कि अब दोषियों को सजा मिलने का इंतजार है।
सिविल लाइंस में गोली मारकर हुई थी हत्या, पहली बार एके-47 का हुआ था इस्तेमाल
13 अगस्त 1996 को सिविल लाइंस स्थित पैलेस सिनेमा के पास तत्कालीन विधायक जवाहर यादव उर्फ पंडित की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। इसमें एके-47 का इस्तेमाल किया गया था। हमले में जवाहर पंडित, उनके ड्राइवर गुलाब यादव और राहगीर कमल कुमार दीक्षित की मौत हो गई थी। दो लोगों को चोटें भी आई थीं। प्रकरण में बसपा के पूर्व सांसद कपिलमुनि करवरिया, भाजपा के पूर्व विधायक उदयभान करवरिया, पूर्व एमएलसी सूरजभान करवरिया और रामचंद त्रिपाठी उर्फ कल्लू अभियुक्त बनाए गए। सभी फिलहाल नैनी जेल में बंद हैं।
जवाहर के भाई सुलाकी यादव ने केस दर्ज कराया था
हत्याकांड के चश्मदीद गवाह रहे विधायक के सगे भाई सुलाकी यादव ने सिविल लाइंस थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई थी। रिपोर्ट के मुताबिक 13 अगस्त 1996 को सफेद रंग की जीप और सफेद रंग की कार से करवरिया बंधु और रामचंद्र मिश्र व श्याम नारायण करवरिया पैलेस सिनेमा के पास पहुंचे। यहां रामचंद्र के ललकारने के बाद वारदात को अंजाम दिया गया।
2014 से चल रही सुनवाई
मुकदमे में अभियोजन की ओर से कुल 18 गवाह और बचाव पक्ष की ओर से 156 गवाह पेश किए गए हैं। मामले की सुनवाई 2014 से लगातार चल रही है। अभियोजन और वादी पक्ष की बहस समाप्त होने के बाद बचाव पक्ष की बहस भी समाप्त हो गई। बचाव पक्ष की ओर से विधि व्यवस्था पेश किए जाने का समय मांगा तो कोर्ट ने मौका दिया। अब गुरुवार को कोर्ट फैसला सुनाएगा।
भाई तो नहीं रहे पर पत्नी सुन सकेंगी फैसला
रपट दर्ज कराने वाले सगे भाई सुलाकी यादव ने कोर्ट में भी अपनी गवाही दर्ज कराने के साथ आरोपितों की पहचान भी की। इस बीच बीमारी की वजह से उनका निधन हो गया। मामले में 23 वर्ष बाद जवाहर पंडित की पत्नी विजमा यादव फैसला सुन सकेंगी।