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आनंद गिरि को अभी रहना होगा जेल में, Narendra Giri Death Case में जमानत अर्जी खारिज

आनंद गिरि की जमानत अर्जी पर दो दिन तक सुनवाई के बाद गुरुवार को प्रयागराज की ईसी एक्ट कोर्ट ने मामले की गंभीरता और सीबीआइ की जारी जांच को देखते हुए खारिज कर दिया। कोर्ट के बाहर मौजूद आनंद के समर्थक अदालत का आदेश पता चलने पर मायूस लौट गए

By Ankur TripathiEdited By: Published: Thu, 11 Nov 2021 02:44 PM (IST)Updated: Thu, 11 Nov 2021 02:44 PM (IST)
आनंद गिरि को अभी रहना होगा जेल में, Narendra Giri Death Case में जमानत अर्जी खारिज
गिरफ्तारी के बाद से जेल में बंद नरेंद्र गिरि को अभी सलाखों के पीछे ही रहना होगा

प्रयागराज, जेएनएन। महंत नरेंद्र गिरि की संदिग्ध हालात में मृत्यु के मामले में गिरफ्तारी के बाद से जेल में बंद नरेंद्र गिरि को अभी सलाखों के पीछे ही रहना होगा। आनंद गिरि की जमानत अर्जी को दो दिन तक सुनवाई के बाद गुरुवार को प्रयागराज की ईसी एक्ट कोर्ट ने मामले की गंभीरता और सीबीआइ की जारी जांच को देखते हुए खारिज कर दिया है। कोर्ट के बाहर मौजूद आनंद के समर्थक अदालत का आदेश पता चलने पर मायूस लौट गए। 

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अभियोजन के तर्क पड़े बचाव पक्ष पर भारी

विशेष न्यायाधीश (ईसी एक्ट) की अदालत में आनंद गिरि के वकीलों इमरान उल्ला, एचके पांडेय, विनीत विक्रम और पल्लवी शर्मा ने जमानत के पक्ष में दलील दी कि इस घटना की एफआइआर देर से तैयार की गई,  एफआइआर से धारा 306 का कोई तत्व पूर्ण नहीं होता, अभियुक्त के खिलाफ मृतक को आत्महत्या के लिए उकसाने का कोई भी साक्ष्य नहीं है और मृतक के सुसाइड नोट को विवेचक ने उचित तरीके से सत्यापित नहीं कराया है। जमानत के विरोध में सीबीआइ के विशेष लोक अभियोजक एके सिंह, विवेचक केएस नेगी, जिला शासकीय अधिवक्ता गुलाब चंद्र अग्रहरि ने कहा कि अपराध गैर जमानतीय तथा गंभीर प्रकृति का है। अभियुक्त के उकसाने पर ही महंत नरेंद्र गिरि ने आत्महत्या की थी। घटनास्थल पर मृतक का सुसाइड नोट भी बरामद हुआ है इसलिए जमानत प्रार्थनापत्र निरस्त किया जाए। बचाव पक्ष और अभियोजन के तर्कों को सुनने के बाद विशेष न्यायाधीश ने अपराध की गंभीरता और प्रकृति को देखते हुए आनंद गिरि की जमानत अर्जी खारिज कर दी। 

22 सितंबर से जेल में हैं महंत के शिष्य रहे आनंद

अल्लापुर स्थित श्री मठ बाघंबरी गद्दी के अतिथि कक्ष में 20 सितंबर को दोपहर बाद महंत नरेंद्र गिरि की संदिग्ध हालात में मृत्यु के बाद रात में आनंद गिरि को हरिद्वार में पुलिस ने हिरासत में लिया था। उसी रात अमर गिरि की ओर से जार्जटाउन थाने में आनंद गिरि, लेटे हनुमान मंदिर के तत्कालीन पुजारी आद्या प्रसाद तिवारी और उसके पुत्र संदीप तिवारी के खिलाफ आत्महत्या के लिए विवश करने का मुकदमा लिखा गया था। आद्या और संदीप को भी पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। 22 सितंबर को आनंद को जेल भेजा गया था। बाद में सीबीआइ ने जांच शुरू करते हुए आनंद को सात दिन के लिए जेल से कस्टडी रिमांड पर लेकर पूछताछ की और हरिद्वार में आश्रम ले जाकर लैपटाप समेत कुछ बरामदगी की थी। सात दिन बाद आनंद को दोबारा जेल भेज दिया गया था।


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