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परिषदीय शिक्षक एक दिन का वेतन देकर करेंगे आश्रितों की मदद, उत्तर प्रदेशीय प्राथमिक शिक्षक संघ का फैसला

संघ ने 16 मई को असमय मृत शिक्षक शिक्षामित्र व अनुदेशकों को एक करोड़ रुपये मुआवजा सरकारी नौकरी पेंशन आदि देेने के लिए आठ सूत्रीय मांगपत्र भेजा था। सरकार ने 19 मई को सिर्फ तीन शिक्षकों की मौत की पुष्टि की है। इससे शिक्षक आहत हैं।

By Ankur TripathiEdited By: Published: Sat, 29 May 2021 07:00 AM (IST)Updated: Sat, 29 May 2021 07:00 AM (IST)
परिषदीय शिक्षक एक दिन का वेतन देकर करेंगे आश्रितों की मदद, उत्तर प्रदेशीय प्राथमिक शिक्षक संघ का फैसला
स्थापित कोष से दिवंगत शिक्षक, शिक्षामित्र, अनुदेशक, विशेष शिक्षक व चतुर्थ श्रेणी कर्मियों के स्वजनों में बांटेंगे धन

प्रयागराज, जेएनएन। बेसिक शिक्षा परिषद के स्कूलों में कार्यरत शिक्षक कोरोना महामारी में दिवंगत साथियों के आश्रितों के लिए एक दिन का वेतन फिर कटवाएंगे। तैयार कोष से उन शिक्षकों, शिक्षामित्रों, अनुदेशकों, विशेष शिक्षक व चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों के आश्रितों को समान रूप से आर्थिक मदद की जाएगी, जिनकी एक अप्रैल से 31 मई के बीच कोरोना महामारी की वजह से मौत हुई है। उत्तर प्रदेशीय प्राथमिक शिक्षक संघ ने शुक्रवार को यह फैसला इसलिए लिया है, क्योंकि सरकार मृतक आश्रितों को आर्थिक मदद नहीं दे रही और उनके परिवार संकट से जूझ रहे हैं। 

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जो शिक्षक मदद करने में असमर्थ हों वे बीएसए को दे सकते पत्र 

संघ की प्रदेश कार्यसमिति के सदस्यों, जिलाध्यक्ष व महामंत्रियों की वर्चुअल बैठक हुई। कहा गया कि कोविड-19 की पहली लहर के समय संघ ने सभी शिक्षक साथियों से अपील की थी कि वे अपना एक दिन का वेतन मुख्यमंत्री राहत कोष के लिए दें। सरकार की अपील पर बेसिक शिक्षकों ने एक दिन का वेतन इकट्ठा किया और 76 करोड़ रुपये सीएम राहत कोष में दान किया गया था। कोविड संक्रमण को देखते हुए सरकार ने शिक्षक व कर्मचारियों के महंगाई भत्ते का भुगतान तक रोक रखा है। संघ नेताओं ने कहा कि शिक्षकों ने सरकार का निरंतर सहयोग किया लेकिन, सरकार ने महामारी के बीच उन्हें बंद स्कूलों में बैठने को मजबूर किया और गैर शैक्षणिक कार्यों में लगाया गया। शिक्षकों को कोविड से बचाव के लिए सामग्री तक नहीं मिली। संघ ने कहा कि बिना सुरक्षा प्रबंध के पंचायत चुनाव में शिक्षकों को भेजने से 1621 की असमय मौत हो गई है। लगातार निधन की सूचनाएं अभी मिल रही हैं। 

संघ ने 16 मई को असमय मृत शिक्षक, शिक्षामित्र व अनुदेशकों को एक करोड़ रुपये मुआवजा, सरकारी नौकरी, पेंशन आदि देेने के लिए आठ सूत्रीय मांगपत्र भेजा था। सरकार ने 19 मई को सिर्फ तीन शिक्षकों की मौत की पुष्टि की है। इससे शिक्षक आहत हैं। आश्रितों को आर्थिक सहायता देने में भी विलंब किया जा रहा है। इससे सभी परेशान हैं, संघ साथियों के परिजनों को इस हालात में नहीं देख पा रहा। कहा गया कि जो शिक्षक मदद करने में असमर्थ हों वे बीएसए को पत्र भेज सकते हैं। मांग है कि जल्द शासनादेश जारी किया जाए, अन्यथा आंदोलन करेंगे। बैठक में संघ अध्यक्ष दिनेश चंद्र शर्मा, महामंत्री संजय सिंह, शिवशंकर पांडेय, राधेरमण त्रिपाठी आदि थे।

शिक्षक नहीं देंगे एक दिन का वेतन 

बेसिक शिक्षकों ने पिछले साल सरकार को अपना एक दिन का वेतन दिया। पूरे साल का डीए दिया, लेकिन सरकार ने कोरोना काल में मृत शिक्षकों की संख्या तीन बताई, जबकि संगठन सरकार को कोरोना में मृत शिक्षकों की सूची दे चुका था। संगठन ने फिर निर्णय लिया है कि शिक्षक एक दिन का वेतन दें। लेकिन, अब शिक्षक वेतन नहीं देंगे। सरकार महामारी के समय अपने विधायकों व सांसदों का वेतन व भत्ते बंद कर उसे खर्च करे। क्योंकि इस दौरान यह लोग अपने घरों पर हैं तो इनको वेतन व भत्तों की क्या आवश्यकता? 

रसकेन्द्र गौतम, प्रदेश मंत्री, बेसिक शिक्षक वेलफेयर एसोसिएशन उप्र


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