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Council Schools of Prayagraj: शिक्षकों, शिक्षामित्रों व अनुदेशकों के शैक्षिक अभिलेख के सत्यापन का खर्च विभाग देगा

Council Schools of Prayagraj शिक्षकों के शैक्षिक अभिलेख के सत्यापन के संबंध में महानिदेशक स्कूल शिक्षा एवं राज्य परियोजना निदेशक कार्यालय के पत्र के अनुसार जो भी भुगतान होगा वह पीएफएमएस प्रणाली से होगा। व्यय की सूचना प्रबंध पीएमएस पर अपलोड करना सुनिश्चत करने को कहा गया है।

By Brijesh SrivastavaEdited By: Published: Tue, 02 Feb 2021 12:51 PM (IST)Updated: Tue, 02 Feb 2021 12:51 PM (IST)
Council Schools of Prayagraj: शिक्षकों, शिक्षामित्रों व अनुदेशकों के शैक्षिक अभिलेख के सत्यापन का खर्च विभाग देगा
परिषदीय स्कूलों के शिक्षकों, शिक्षामित्रों व अनुदेशकों के शैक्षिक प्रमाणपत्रों के सत्यापन का निर्देश है।

प्रयागराज, जेएनएन। पिछले दिनों सभी परिषदीय स्कूलों के शिक्षकों, शिक्षामित्रों व अनुदेशकों के शैक्षिक प्रमाणपत्रों के सत्यापन का निर्देश दिया गया था। सभी जिला मुख्यालयों से शैक्षिक अभिलेख एकत्र कर संबंधित बोर्डों व विश्वविद्यालयों में भेजे गए। इसके लिए शुल्क की मांग किए जाने कई जिलों से महा निदेशक, स्कूल शिक्षा एवं राज्य परियोजना निदेशक कार्यालय को पत्र भेजकर व्यवस्था मांगी गई।

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इसी क्रम में निर्देशित किया गया है कि निर्धारित शुल्क, डाक व्यय, स्टेशनरी आदि का भुगतान डीपीओ के अंतर्गत कंटीजेंसी मद से जिले के प्रति विकास खंड अधिकतम 50000 रुपये की सीमा तक किया जा सकता है। यदि जिले की किसी भी विकास खंड स्तर पर निर्धारित अधिकतम व्यय सीमा से अधिक का खर्च होता है तो जनपद के अन्य विकास खंड, जहां सत्यापन के तहत धनराशि की बचत हो रही हो, उस रकम का समायोजन किया जा सकता है।

पीएफएमएस प्रणाली से होगा भुगतान

शिक्षकों के शैक्षिक अभिलेख के सत्यापन के संबंध में महानिदेशक, स्कूल शिक्षा एवं राज्य परियोजना निदेशक कार्यालय की तरफ से जारी पत्र में कहा गया है कि जो भी भुगतान होगा वह पीएफएमएस प्रणाली से होगा। व्यय की सूचना प्रबंध, पीएमएस पर अपलोड करना सुनिश्चत करने को कहा गया है।

छह माह से अधिक समय बीता पर सत्यापन नहीं हुआ

सभी स्कूलों के शिक्षकों, शिक्षामित्रों व अंशकालिक अनुदेशकों के शैक्षिक दस्तावेज मूल अभिलेखों से पूर्व में बीएसए कार्यालय में मिलाए गए। उसके बाद संबंधित बोर्ड व विश्वविद्यालयों में भेजे जा चुके हैं। छह माह से अधिक समय बीत चुका है लेकिन शुल्क का भुगतान न होने से अभी विश्वविद्यालयों से सत्यापन की रिपोर्ट नहीं प्राप्त हुई है। बीएसए संजय कुशवाहा ने बताया कि हालांकि प्रथम दृष्टया प्रयाग में कोई भी मामला संदिग्ध नहीं मिला।


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