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Council School of Prayagraj : एआरपी सूचना देकर ही विद्यालय में जाएंगे, शिक्षकों व विद्यार्थियों के सहयोग को देंगे सुझाव

Council School of Prayagraj एआरपी और एसआरजी औचक निरीक्षण करते हैं तो यह इनके पद के अनुरूप नहीं है। इसलिए परिषदीय विद्यालय के प्रधानाध्यपक इन्हें लौटा सकते हैं और दोबारा सूचना देकर आने का आग्रह कर सकते हैं।

By Brijesh SrivastavaEdited By: Published: Tue, 10 Nov 2020 10:07 AM (IST)Updated: Tue, 10 Nov 2020 10:07 AM (IST)
Council School of Prayagraj : एआरपी सूचना देकर ही विद्यालय में जाएंगे, शिक्षकों व विद्यार्थियों के सहयोग को देंगे सुझाव
परिषदीय स्कूलों में पठन पाठन की व्यवस्था को और बेहतर बनाने की प्रयागराज में तैयारी है।

प्रयागराज, जेएनएन। परिषदीय स्कूलों में पठन पाठन की व्यवस्था को और बेहतर बनाने की कवायद चल रही है। इसमें निरीक्षण की भी व्यवस्था की गई है। शासन के निर्देश पर एआरपी और एसआरजी दोनों नियमित रूप से अपने-अपने क्षेत्र में आवंटित विद्यालयों में निरीक्षण करने जाएंगे। खास बात यह है कि यह निरीक्षण दण्डात्मक प्रक्रिया नहीं है। बल्कि शिक्षा व्यवस्था सुधारने के लिए है। इसलिए वहां जाकर शिक्षकों और विद्यार्थियों के सहयोग के नजरिए से अपने सुझाव दे सकते हैं।

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यदि एआरपी और एसआरजी औचक निरीक्षण करते हैं तो यह इनके पद के अनुरूप नहीं है। इसलिए विद्यालय के प्रधानाध्यपक इन्हें लौटा सकते हैं और दोबारा सूचना देकर आने का आग्रह कर सकते हैं। यह बात पीएसपीएसए के प्रांतीय उपाध्यक्ष व जिला मंत्री अजय सिंह ने अपने शिक्षकों से कही है।

पाठ्य सामग्री अभिभावकों के ग्रुप में साझा करें

मिशन प्रेरणा की ई -पाठशाला  के आठवें  सप्ताह की सामग्री साझा की जा रही है। इस बार एक से 5वीं तक के लिए यह सामग्री कुछ खास है। दीपोत्सव को ध्यान में रखते हुए इस सामग्री को साझा किया जा रहा है। इसमें इस त्यौहार से सम्बंधित गतिविधियां और कहानियां हैं।  सभी शिक्षक इस सामग्री को ज्‍यादा से ज्यादा बच्चों तक पहुंचाएं। सभी सामग्री यूट्यूब लिंक पर भी उपलब्ध है।

यह है शासन का आदेश

शासन से आए आदेश में बताया कि गया कि सुबह सभी शिक्षक इस सामग्री को अभिभावकों  के साथ बने व्हाट्सप्प ग्रुप पर साझा करें। जिन अभिभवकों के पास व्यवस्था नहीं है, उनसे भी निरंतर संवाद स्थापित कर उन्हेंं सप्ताह में एक बार विद्यालय आकर पूरे सप्ताह की योजना समझने को कहें। अभिभावकों से उनकी प्रतिक्रिया जानें और उनके बच्चे की प्रगति के बारे  में चर्चा करें। छह से कक्षा आठ के लिए पछले सभी सप्ताह में भेजी गई सामग्री को दोहराने, अभ्यास करने और शिक्षक के साथ मिलकर किसी भी पाठ में आई कठिनाई को दूर करने के लिए है।


 


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