जमीन के पेच में नहीं बन सका डॉयट का हॉस्टल, बजट भी नहीं मिला
बजट न मिलने से डॉयट का एक हॉस्टल का निर्माण अधर में है। वहीं डीएलएड प्रशिक्षुओं के लिए पिछले दिनों हॉस्टल की सहमति बनी लेकिन जमीन के पेंच स्वीकृति नहीं मिल सकी है।
प्रयागराज, जेएनएन। जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान (डायट) का हॉस्टल नहीं है। एक हॉस्टल का निर्माण कई वर्षों पहले शुरू हुआ था। हालांकि बजट न मिलने के कारण अधर में लटक गया। फिर करीब 200 डीएलएड प्रशिक्षुओं के रहने के लिए कुछ समय पहले एक हॉस्टल के निर्माण के लिए सहमति बनी थी, लेकिन जमीन के पेच में इसके भी निर्माण की स्वीकृति नहीं मिली।
डॉयट में प्रशिक्षण लेने वाले छात्र-छात्राओं की परेशानी
डॉयट में प्रशिक्षण लेने वाले छात्र-छात्राओं के रहने के लिए हॉस्टल की व्यवस्था का प्रावधान है। फिलहाल परिसर में एक भी हॉस्टल नहीं है। वर्ष 2003 में 28 कमरों के हॉस्टल निर्माण की स्वीकृति केंद्र सरकार के मानव संसाधन विकास मंत्रालय से मिली थी। प्रथम तल के लिए बजट स्वीकृत होने पर 14 कमरों का निर्माण कराया भी गया था, लेकिन ऊपरी तल के लिए बजट जारी न होने से काम अधर में लटक गया। इस संबंध में कई बार पत्राचार भी हुआ लेकिन बजट स्वीकृत नहीं हो सकी। इसके अलावा कुछ समय पहले 200 प्रशिक्षुओं के रहने के लिए हॉस्टल निर्माण की सहमति शासन स्तर पर बनी, लेकिन जमीन के पेच में इसकी प्रक्रिया आगे नहीं बढ़ी।
जुलाई में तैयार हो जाएगा 14 कमरों का हॉस्टल
एलटी अभ्यर्थियों के लिए बने हॉस्टल के जीर्णोद्धार का काम चल रहा है। जुलाई में 14 कमरे बनकर तैयार हो जाएंगे। हॉस्टल के जीर्णोद्धार के लिए एससीईआरटी निदेशक ने 4.19 लाख रुपये स्वीकृत किए हैं। इसमें 42 प्रशिक्षुओं के रहने की व्यवस्था होगी। डायनिंग हॉल का भी नवीनीकरण कराया जा रहा है।
कंप्यूटर लैब की पहली बार हुई व्यवस्था
बीटीसी पाठ्यक्रम में कंप्यूटर विषय होने के बावजूद डायट में कंप्यूटर लैब की व्यवस्था नहीं थी। इस बार कंप्यूटर लैब की व्यवस्था की गई। लैब में 20 कंप्यूटर लगाए गए हैं।
डॉयट के प्राचार्य बोले
डॉयट के प्राचार्य कुबेर सिंह कहते हैं कि अधूरे हॉस्टल निर्माण के संबंध में कई बार पत्राचार हुआ। डीएम के स्तर से भी पहल हुई लेकिन बजट जारी नहीं हो सका। कंप्यूटर लैब की व्यवस्था एक एनजीओ की मदद से की गई है।
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