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Coronavirus Vaccine: हेल्थ केयर और फ्रंट लाइन वर्करों को है कोरोनारोधी टीके के बूस्टर डोज की आस

Coronavirus Vaccine जिला प्रतिरक्षण अधिकारी और एसीएमओ डाक्टर तीरथलाल कहते हैं कि बूस्टर डोज कि अभी कोई जरूरत महसूस नहीं हो रही है। केंद्र सरकार से ऐसी कोई गाइडलाइन जारी नहीं हुई है। कहा कि सरकार जो लक्ष्य दे रही है उसके अनुसार लोगों को टीके लगाए जा रहे हैं।

By Brijesh SrivastavaEdited By: Published: Tue, 16 Nov 2021 10:30 AM (IST)Updated: Tue, 16 Nov 2021 10:30 AM (IST)
Coronavirus Vaccine: हेल्थ केयर और फ्रंट लाइन वर्करों को है कोरोनारोधी टीके के बूस्टर डोज की आस
सबसे पहले फ्रंटलाइन और हेल्थ केयर वर्कर को टीके लगे थे। उन्‍हें कोरोना के बूस्‍टर डोज की आस है।

प्रयागराज, जागरण संवाददाता। कोरोना रोधी टीके लगने की शुरुआत को पूरे 10 महीने हो गए हैं। जिन्हें वर्तमान में टीके लग रहे हैं वह तो कोरोना वायरस से सुरक्षित होने की उम्मीद लगाए बैठे हैं। वहीं जिन फ्रंटलाइन और हेल्थ केयर वर्कर को 10 महीने पहले टीके लग चुके हैं, उन्हें अपने भविष्य पर असमंजस है। ऐसा इसलिए क्योंकि टीके के असर की अवधि छह महीने से करीब एक साल तक ही बताई जा रहे हैं। फ्रंटलाइन और हेल्थ केयर वर्कर ऐसे में बूस्टर डोज की आस लगाए बैठे हैं।

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टीकाकरण की शुरूआत 16 जनवरी को हुई थी

सरकारी अस्पतालों में टीके लगने की शुरुआत 16 जनवरी 2021 को हुई थी। सबसे पहले फ्रंटलाइन और हेल्थ केयर वर्कर को टीके लगे थे क्योंकि कोरोना संक्रमित लोगों को स्वस्थ करने में सबसे बड़ा रोल इन्हीं का था। शुरुआत के बाद से अब तक जिले में 38 लाख 82 हजार लोगों को टीके लगाए जा चुके हैं, इनमें छह लाख से अधिक लोगों को टीके की दूरी डोज भी लग चुकी है। हालांकि टीके के असर की अवधि पहले छह महीने बताई जा रही थी फिर इसके एक साल तक होने का दावा किया गया। टीके लगने को जिन्हें 10 महीने हो चुके हैं, वे अब असमंजस में पड़ने लगे हैं कि आगे क्या होगा।

बूस्‍टर डोज की अभी जरूरत नहीं : जिला प्रतिरक्षण अधिकारी

जिला प्रतिरक्षण अधिकारी और एसीएमओ डाक्टर तीरथलाल कहते हैं कि बूस्टर डोज कि अभी कोई जरूरत महसूस नहीं हो रही है। केंद्र सरकार से ऐसी कोई गाइडलाइन भी जारी नहीं हुई है। कहा कि सरकार जो लक्ष्य दे रही है उसके अनुसार लोगों को टीके लगाए जा रहे हैं। गाइडलाइन का पालन किया जा रहा है लेकिन अगर बूस्टर डोज के संबंध में कोई गाइडलाइन आती है तो उसका भी पालन किया जाएगा। कहा कि अधिकांश लोगों की इम्युनिटी स्ट्रांग हुई है। कोरोना की तीसरी लहर की अभी कोई संभावना नहीं है। इसलिए बूस्टर डोज को लेकर असमंजस में पड़ने की कोई आवश्यकता भी किसी को नहीं है।


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