राहत की बात है कि कोरोना वायरस संक्रमितों के फेफड़े सुरक्षित हैं गले से नीचे नहीं आ रहा वायरस
Coronavirus Prayagraj News Update कोरोना से इस बार जो भी लोग संक्रमित हो रहे हैं उनमें अस्पताल में भर्ती कराने वालों की संख्या एक प्रतिशत के आसपास है। यानी अगर 400 लोग प्रतिदिन संक्रमित हो रहे हैं तो चार या पांच लोगों को भर्ती कराने की नौबत आ रही है।
प्रयागराज, जागरण संवाददाता। कोरोना वायरस की धार तीसरी लहर के फैलने में पांच गुना तेज लेकिन शरीर के भीतर कछुआ चाल से है। नाक और मुंह के रास्ते प्रवेश कर रहा वायरस संक्रमित के गले तक ही पहुंच कर सुस्त पड़ जा रहा है। इससे सभी संक्रमितों के फेफड़े सुरक्षित हैं और ऑक्सीजन पर कोई विपरीत असर नहीं हो रहा है। गले में अटका वायरस संक्रमितों की आवाज कुछ दिनों के लिए बदल रहा है, डाक्टरों के लिए इलाज में यहीं जटिलता आ रही है। हालांकि सभी संक्रमितों के फेफड़े का एक्सरे और सीटी स्कैन कराकर डाक्टर रिपोर्ट का डेटा तैयार कर रहे हैं।
नाक, मुंह के रास्ते प्रवेश करते ही वायरस की स्पीड लगभग खत्म हो रही
कोरोना से इस बार जो भी लोग संक्रमित हो रहे हैं, उनमें अस्पताल में भर्ती कराने वालों की संख्या एक प्रतिशत के आसपास है। यानी अगर 400 लोग प्रतिदिन संक्रमित हो रहे हैं तो चार या पांच लोगों को भर्ती कराने की नौबत आ रही है। इनमें भी एक या दो लोग ऐसे हैं जिन्हें लेवल थ्री कोविड-19 स्वरूपरानी नेहरू चिकित्सालय में भर्ती कराया जा रहा है। इन सभी संक्रमित के बारे में डाक्टरों का कहना है कि वायरस गले से नीचे नहीं उतर रहा है। नाक और मुंह के रास्ते प्रवेश करते ही वायरस की स्पीड लगभग खत्म हो जा रही है और गले में अटक कर रह जा रहा है। संक्रमितों के एक्सरे और सीटी स्कैन की रिपोर्ट बता रही है कि सभी के फेफड़े संक्रमण से सुरक्षित हैं। डाक्टरों के लिए यह राहत वाली बात है लेकिन गले में वायरस कंफ जमा रहा है, जिससे संक्रमितों की आवाज में बदलाव महसूस हो रहा है। इसके इलाज में डाक्टरों को थोड़ी परेशानी हो रही है दवाई बदलनी पड़ रही है।
23 बेड के वार्ड में 15 लोग भर्ती
लेवल 3 कोविड-19 अस्पताल संक्रमितों का इलाज कर रहे हैं डाक्टर मोहम्मद शाहिद बताते हैं कि किसी को ज्यादा दिक्कत नहीं है। आक्सीजन की जरूरत एक या दो लोगों को ही पड़ रही है जबकि अस्पताल में अब तक एक सैकड़ा लोगों को भर्ती होना पड़ा है और अधिकतर लोग स्वस्थ होकर घर भी जा चुके हैं। मौजूदा समय 23 बेड के वार्ड में 15 लोग ही भर्ती हैं। कहा कि वायरस का खौफ जरूर है लेकिन गले से नीचे न उतरना सभी के लिए बड़ी राहत है।