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Coronavirus Prayagraj News: परदेश से लौटे कामगारों को अब रोजी-रोटी का संकट, उन्‍हें तलाश है रोजगार की

Coronavirus Prayagraj News हफ्ते भर पहले मुंबई से लौटे हंडिया के संजय यादव का कहना है कि पिछली बार निजी कंपनी में काम मिल गया था। इसलिए लॉकडाउन खत्म होने के बाद दोबारा चले गए थे। कुछ ही माह बाद हालात फिर बेकाबू हो गए।

By Brijesh SrivastavaEdited By: Published: Sat, 24 Apr 2021 01:03 PM (IST)Updated: Sat, 24 Apr 2021 01:03 PM (IST)
Coronavirus Prayagraj News: परदेश से लौटे कामगारों को अब रोजी-रोटी का संकट, उन्‍हें तलाश है रोजगार की
कोरोना संक्रमण का दूसरा दौर फिर प्रवासी कामगारों के लिए अच्‍छी साबित नहीं हो रहा है। (फोटो जागरण)

प्रयागराज, जेएनएन। कोरोना संक्रमण का दूसरा चरण बेहद खतरनाक साबित हो रहा है। महामारी के लगातार बढते संक्रमण से परदेश में काम करने गए कामगारों को लौटना पड़ रहा है। कई तो वापस आ चुके हैं लेकिन अब उनके सामने रोजी-रोटी का संकट खड़ा हो गया है। साल भर में दो बार घर वापसी ने उनके हौसले को भी कम कर दिया है। हालात सामान्य होने का वह इंतजार कर रहे हैं ताकि वे एक बार फिर रोजगार की तलाश कर सकें। 

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लॉकडाउन के भय से घर लौट आए परदेशी

घर लौटे कई प्रवासी कामगारों के पास खेती नहीं है, जिसकी वजह वे मजदूरी के लिए विवश हैं। हफ्ते भर पहले मुंबई से लौटे हंडिया के संजय यादव का कहना है कि पिछली बार निजी कंपनी में काम मिल गया था। इसलिए लॉकडाउन खत्म होने के बाद दोबारा चले गए थे। कुछ ही माह बाद हालात फिर बेकाबू हो गए। मन में भय था कि कहीं फिर पहले जैसा लॉकडाउन न हो जाए। इसलिए अपने गांव वापस लौट आए। 

कोरोना संक्रमण से कामकाज बंद होने से लौटे वापस

झूंसी, मलावां खुर्द के सोएब मुंबई में वेल्डिंग का काम करते थे। कोरोना संक्रमण काल में काम बंद कर लौटना पड़ा। अब हालात सामान्य होने पर लौटने की बात कह रहे हैं। वहीं मेजा के जावेद मुस्तफा लॉन्ड्री में काम करते थे। संक्रमण बढने पर सेठ ने हिसाब कर घर जाने को कहा। स्थिति सुधरने पर बुलाने का आश्वासन भी दिया है। बहरिया के राहुल शर्मा का कहना है कि दो माह पहले ही उनके साथ गांव के ही पांच लोग और सूरत गए थे। वहां साड़ी की फैक्ट्री में काम भी मिला। अचानक संक्रमण का प्रकोप बढऩे से कामकाज बंद होने लगे। संक्रमण पर नियंत्रण के लिए सरकार ने पाबंदियां लगानी शुरू कर दी। इसलिए सभी घर लौट आए हैं। हालांकि अब यहां उनके समक्ष रोजगार का संकट है।


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