Coronavirus Effect in Prayagraj 'अमे...अपनी जान सांसत में काहे डालत हौ, जिंदगी रही तो बहुत कमाबो'
Coronavirus Effect in Prayagraj बाजार की दुकानों में धक्का-मुक्की के बीच ग्राहकों को खरीदारी करनी पड़ती है। तमाम दुकानदार कोविड-19 के मानकों का पालन नहीं करते हैं।
प्रयागराज, [राजकुमार श्रीवास्तव]। जिले में कोरोना महामारी का संक्रमण सुरसा की मुंह की तरह बढ़ता ही जा रहा है। फिलहाल राहत की कोई उम्मीद नहीं दिखाई दे रही है। अब तो यह महामारी बाजार में भी तेजी से फैल रही है। खासकर उन क्षेत्रों के बाजार में, जहां घनी आबादी है। पुराने शहर में कई बाजार गलियों में आबाद हैैं। यहां अतिक्रमण इतना ज्यादा है कि दिन में आधी गली तक दुकानें लग जाती हैैं और पैदल चलना भी दूभर रहता है।
दुकानदार कोविड-19 के मानकों का पालन दरकिनार कर रहे
धक्का-मुक्की के बीच ग्राहकों को खरीदारी करनी पड़ती है। मुनाफे और बिजनेस की आपाधापी में तमाम दुकानदार कोविड-19 के मानकों का पालन दरकिनार कर देते हैं। तमाम व्यापारिक संगठन के पदाधिकारी दुकानदारों को इसके प्रति आगाह करने के लिए अभियान भी चला रहे हैं। अभियान से जुड़े सदस्य, दुकानदारों को ठेठ इलाहाबादी भाषा में आगाह भी करते हैं। सलाह की भाषा देखिए-अमे अपनी जान सांसत में काहे डालत हौ, जिंदगी रही तो बहुत कमाबो, इसलिए बच-बचाकर व्यापार करो।
डिवाइडर का मकसद तो पूरा हो...
घंटाघर और जानसेनगंज में दोनों तरफ सड़क के बीच खाली जगह पर वाहन खड़ा करने और ठेलों पर खान-पान की चीजें बेचने से दिन भर जाम लगता था। जाम नहीं लगे, इसलिए घंटाघर चौराहा से जानसेनगंज चौराहा तक डिवाइडर बनवाया जा रहा है। कारोबारी कहते हैं कि इससे मकसद फिलहाल पूरा नहीं हो रहा। डिवाइडर से ठेलों पर खान-पान की चीजें बिकनी बंद जरूर हो गईं लेकिन दो और चार पहिया वाहनों की पार्किंग बंद नहीं हुई।
डिवाइडर बनाने का पूरा नहीं हो पा रहा मकसद
दुकानदार हों अथवा ग्राहक, वह घंटाघर चौराहा से लेकर शाहगंज मार्केट मोड़ पर आगे तक अपने दो एवं चार पहिया वाहन खड़ा कर देते हैं। पहले जिन वाहन को दोनों रोड के बीच खड़ा कर दिया जाता था वह डिवाइडर बनने से बाद आधी सड़क पर खड़े कर दिए जाते हैं। इसलिए जिस मकसद से डिवाइडर बनाया जा रहा है, वह मकसद पूरा होता दिखाई नहीं दे रहा है। फिलहाल जाम की समस्या यथावत है।