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Prayagraj Corona Update कोरोना से मुसीबत, जिन पर संक्रमितों को स्वस्थ करने की जिम्मेदारी उन्हीं पर हावी है महामारी

अस्पतालों में स्वास्थ्य कर्मी पीपीई किट और ग्लब्स के अभाव में काम करने को मजबूतर हैं। कोरोना वायरस से बचाव के लिए यह सामग्री उन्हीं को मिल रही है जो कोविड वार्ड में काम कर रहे हैं। आसपास के वार्ड में ड्यूटी करने वाले स्वास्थ्य कर्मियों को ग्लब्स नहीं मिले

By Ankur TripathiEdited By: Published: Thu, 27 Jan 2022 05:40 PM (IST)Updated: Thu, 27 Jan 2022 05:40 PM (IST)
Prayagraj Corona Update कोरोना से मुसीबत, जिन पर संक्रमितों को स्वस्थ करने की जिम्मेदारी उन्हीं पर हावी है महामारी
अस्पतालों के डाक्टर, स्टाफ नर्सें, ब्लड बैंक और पैथालाजी के कर्मचारी लगातार संक्रमित होने लगे हैं

प्रयागराज, जागरण संवाददाता। कोविड-19 महामारी इस बार उन्हीं पर हावी है जिन पर संक्रमितों को स्वस्थ करने और उन्हें परिवार को सुरक्षित रहने की हिदायत देकर घर भेजने की जिम्मेदारी है। आम नागरिकों से होते हुए कोरोना वायरस ने अस्पतालों में पैर पसार दिए हैं। सरकारी और प्राइवेट अस्पतालों के डाक्टर, स्टाफ नर्सें, ब्लड बैंक और पैथालाजी के कर्मचारी लगातार संक्रमित होने लगे हैं। यह सिलसिला पूरे माह चला।

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अब तक 50 से अधिक स्वास्थ्य कर्मी कोरोना संक्रमित हो चुके हैं और इनमें कोविड टीकाकरण में लगा स्टाफ भी शामिल हैं। मोतीलाल नेहरू मेडिकल कालेज, शहर के एक निजी औ्द्योगिक घराने के मेडिकल कालेज, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, निजी अस्पतालों के डाक्टर, स्टाफ नर्स कोरोना संक्रमित हो रहे हैं। इमरजेंसी मेडिकल अफसर, मेडिकल अफसर, पैथालाजी के कर्मचारी कोरोना संक्रमित हुए हैं। इन स्वास्थ्य कर्मियों से उनका परिवार भी संक्रमित हुआ है।

ग्लब्स और पीपीई किट के अभाव में कर रहे काम

अस्पतालों में स्वास्थ्य कर्मी पीपीई किट और ग्लब्स के अभाव में काम करने को मजबूतर हैं। कोरोना वायरस से बचाव के लिए यह सामग्री उन्हीं को मिल रही है जो कोविड वार्ड में काम कर रहे हैं। आसपास के वार्ड में ड्यूटी करने वाले स्वास्थ्य कर्मियों को ग्लब्स तक नहीं मिले हैं।

क्वारंटाइन व्यवस्था कोरोना संक्रमण के मौजूदा समय में नहीं है। कोविड वार्ड में ड्यूटी करने वाले डाक्टर, स्टाफ नर्सें और अन्य कर्मचारियों को आइसीएमआर की तरफ से रोज घर जाने की छूट है। कोरोना की पहली और दूसरी लहर में वार्ड में काम करने वाले स्वास्थ्य कर्मियों को 14 दिनों तक अस्पताल के क्वारंटाइन रूम में ही रहने की व्यवस्था के चलते संक्रमण से काफी हद तक बचाव था। इस बार ऐसा नहीं है। यही वजह है कि संक्रमित हो रहे स्वास्थ्य कर्मियों से उनका परिवार और बच्चे भी प्रभावित हो रहे हैं।

वार्ड में प्रोटोकाल के पालन का सख्ती से निर्देश

मोतीलाल नेहरू मेडिकल कालेज के प्राचार्य डा. एसपी सिंह कहते हैं कि क्वारंटाइन व्यवस्था खत्म होने का आदेश आइसीएमआर और शासन से है। संक्रमण का प्रभाव अब पहले की अपेक्षा कम भी है लेकिन बचाव सभी को करना है। कहा कि ग्लब्स सभी को दिए जा रहे हैं और मास्क लगाकर ही वार्ड में जाने के निर्देश हैं।


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