Coronavirus और बाढ़ का प्रयागराज में संकट, जानें दोहरी चुनौती झेलने को प्रशासन की क्या है तैयारी
प्रयागराज प्रशासन के समक्ष इन दिनों कठिन चुनौती है। वह यह कि एक ओर तो कोरोना वायरस का संक्रमण है। वहीं दूसरी ओर गंगा-यमुना नदियों के बाढ़ का भी संकट है।
प्रयागराज, जेएनएन। गंगा-यमुना का जलस्तर प्रयागराज में जिस तरह से बढ़ रहा है, उससे तो यही आशंका जताई जा रही है कि जल्द ही तटीय इलाके में पानी भर जाएगा। तब यहां रहने वाले लोगों को बाढ़ शिविरों में शिफ्ट करना होगा। वहीं अभी प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग की टीम लोगों को कोरोना के संक्रमण से बचाने में जुटी है। अगस्त माह में कोरोना मरीजों की संख्या भी लगातार बढ़ रही है। वहीं तटीय इलाकों में बाढ़ का खतरा भी बढ़ गया है। इसे लेकर प्रशासन के सामने दोहरी चुनौती है। तटीय इलाके में रहने वालों को बाढ़ के साथ ही कोरोना संक्रमण से भी बचाना है।
बाढ़ पीडि़तों के लिए बनाए गए हैं दोगुने शिविर
गंगा और यमुना नदियों के पानी से आने वाले संभावित बाढ़ को देखते हुए इस बार प्रशासन ने बाढ़ पीड़ितों के लिए दोगुने शिविर बनाए हैं। जिले में अभी तक दो सौ से अधिक पुनर्वास केंद्र बनाए गए हैं। ताकि एक शिविर में अधिक भीड़ न हो। जरूरत पड़ने पर इसकी संख्या और बढ़ाई जाएगी। सभी कमरों में जो बिस्तर लगाया जाएगा, उसकी दूरी एक-दूसरे से पांच से छह फिट दूर रहेगी। यहां रहने वाले सभी लोग हमेशा मास्क का प्रयाेग करेंगे।
डॉक्टरों की टीम भी रहेगी
सभी पुनर्वास केंद्रों पर डॉक्टरों की टीम भी मौजूद रहेगी। यहां रहने वाले लोगों की नियमित जांच कराई जाएगी। खांसी, बुखार और सांस लेने की जिसे दिक्कत होगी, उसे अस्पताल में भर्ती कराया जाएगा। इसके अलावा सफाई व्यवस्था चुस्त-दुरुस्त बनाने के लिए यहां सफाईकर्मियों की भी ड्यूटी लगाई जाएगी।
बीमारी से बचाव की दे रहे जानकारी
एनडीआरएफ की टीम द्वारा बाढ़ जैसे हालातों के दौरान होने वाली स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं और कोरोना वायरस महामारी से बचाव के तरीकों के बारे में लोगों को जानकारी दी जा रही है। कोरोना महामारी से बचाव के लिए टीम ने बताया कि सर्दी, सुखी खांसी, बुखार, शरीर में दर्द होना, सूंघने की क्षमता का ह्रास हो जाना, सांस लेने में अत्यधिक तकलीफ होना आदि इसके लक्षण है इस बीमारी से स्वयं को सुरक्षित रखने के लिए मास्क लगाने के साथ ही फिजिकल डिस्टेंसिंग का पालन जरूरी है। हाथों को बार-बार साबुन से धोएं। विटामिन सी युक्त आहार व फल का सेवन करें। नियमित तौर पर योगाभ्यास करें।