Coronavirus Effect on Business : प्रयागराज के होटल और रेस्टोरेंट पर मंदी की मार, आप भी जानें कारण
Coronavirus Effect on Business कोरोना ने अन्य व्यवसाय के साथ होटल व रेस्टोरेंट को भी मंदी के दौर में जाने को विवश कर दिया है। प्रयागराज के होटल रेस्टोरेंट संचालक परेशान हैं।
प्रयागराज, जेएनएन। कोरोना वायरस ने जहां सभी व्यवसाय को प्रभावित कर रखा है। ऐसे में प्रयागराज के होटल और रेस्टोरेंट का बिजनेस कैसे बच सकता है। जी हां, शहर के होटल और रेस्टोरेंट अब भी 'वेंटिलेटर' पर ही चल रहे हैं। इसके कारण कई हैं। होटल व रेस्टोरेंट में बर्थडे व अन्य पाॢटयां नहीं हो रही हैं। शहर में पर्यटकों का आना भी शुरू नहीं हुआ है। कोर्ट के काम से मुवक्किल भी नहीं आ रहे हैं, क्योंकि कोरोना के कारण कोर्ट-कचहरी भी पहले की तुलना में बहुत सीमित चल रही है। इससे होटल और रेस्टोरेंट मंदी की मार से उबर नहीं पा रहे हैं।
होटल और रेस्टोरेंट तीन मुख्य वजहों से फलते-फूलते रहे हैं
शहर में पर्यटन का बहुत स्कोप न होने से पहले भी गिने-चुने पर्यटक ही आते थे। इन दिनों इंटरनेशनल फ्लाइट न चलने से पर्यटकों का आना एकदम बंद है। कोर्ट केस के सिलसिले में मुवक्किल नहीं आ रहे हैं। पार्टियाें के आयोजन पर भी रोक लगी हुई है। जबकि यहां के होटल और रेस्टोरेंट इन्हीं तीन मुख्य वजहों से फलते-फूलते रहे हैं। शहर के लोग भी खानपान को लेकर बेहद सावधानी बरत रहे हैं। यही कारण है कि होटलों और रेस्टोरेंटों में बहुत कम लोग ही लंच एवं डिनर के लिए पहुंच रहे हैं। ऐसे में होटल और रेस्टोरेंटों का कारोबार करीब 25-30 फीसद तक सिमटा हुआ है।
प्रयाग होटल एसोसिएशन के अध्यक्ष ने यह कहा
प्रयाग होटल एसोसिएशन के अध्यक्ष जोगिंदर सिंह का कहना है कि इंटरनेशनल फ्लाइट बंद होने से बाहर से कोई नहीं आ रहा है। कोर्ट भी वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए चल रही हैं। कोरोना के कारण कोई खुलकर घूम-फिर भी नहीं रहा है तो कारोबार कहां से बढ़ेगा। 10 से 15 फीसद तक व्यवसाय सिमटा है। बहुत से होटल खुले भी नहीं हैं।
सातों दिन बाजार खुलने का मिलने लगा कुछ फायदा
खाना-खजाना रेस्टोरेंट के प्रोपराइटर विकास सिंह बताते हैं कि सातों दिन बाजार खुलने का कुछ फायदा मिलने लगा है। कारोबार करीब 30 फीसद तक आ गया है। पहले शुक्रवार शाम से ही लोग आना बंद कर देते थे। अब शनिवार और रविवार भी रेस्टोरेंट खुलने से कमाई का औसत कुछ ठीक हो गया है। हालांकि रनिंग कॉस्ट नहीं निकल पा रहा है। अभी भी घर से पैसा लगाकर व्यवसाय चलाना पड़ रहा है।