Coronavirus Effect in Prayagraj: इम्यूनिटी बूस्टर की दवा बाजार में भरमार तो है लेकिन खपत मुश्किल
Coronavirus Effect in Prayagraj इलाहाबाद केमिस्ट एंड ड्रजिस्ट एसोसिएशन के अध्यक्ष अनिल दुबे का कहना है कि इस मामले में सरकार को दवा कंपनियों के बीच हस्तक्षेप करना चाहिए। कंपनियां यदि माल रिफंड नहीं करेंगी तो व्यापारियों को भारी नुकसान होगा क्योंकि खपत होना मुश्किल है।
प्रयागराज, जेएनएन। कोरोना वायरस का खौफ धीरे-धीरे लोगों में अब खत्म होता जा रहा है। हालांकि इस महामारी से बचाव में कारगर मानी जाने वाली इम्यूनिटी बूस्टर दवाओं और सिरप की बाजार में भरमार है। बाजार में इतनी कंपनियों की दवाएं और सिरप आ गई है कि उनकी खपत होना मुश्किल है।
कोरोना महामारी फैलने के पहले कुछ गिनी चुनी कंपनियों द्वारा ही इम्यूनिटी बूस्टर कैप्सूल और सिरप बनाती थीं। वहीं इस महामारी के फैलते ही दवा की लगभग सभी कंपनियां इम्यूनिटी बूस्टर के कैप्सूल और सिरप बनाने लगीं हैं। लाइकोपेन कैप्सूल, जेसिंग कैप्सूल के अलावा च्यवनप्राश भी इम्यूनिटी बूस्टर बाजार में उपलब्ध हैं। विटामिन सी कैप्सूल पहले एक-दो कंपनियां बनाती थी लेकिन अब, दर्जनों कंपनियों के प्रोडक्ट बाजार में उतार दिए गए हैं। खास बात यह कि इन कंपनियों द्वारा दवा विक्रेताओं को यह दवाएं भेज दे रही हैं लेकिन वह दवाओं का रिफंड नहीं कर रही हैं। इसकी वजह से बाजार में दवाओं के न बिकने पर कारोबारियों को नुकसान भी उठाना पड़ रहा है।
इलाहाबाद केमिस्ट एंड ड्रजिस्ट एसोसिएशन के अध्यक्ष अनिल दुबे का कहना है कि इस मामले में सरकार को दवा कंपनियों के बीच हस्तक्षेप करना चाहिए। कंपनियां यदि माल रिफंड नहीं करेंगी तो व्यापारियों को भारी नुकसान होगा क्योंकि मार्केट में जितनी दवाएं उपलब्ध हो गई हैं उनकी खपत होना मुश्किल है।