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Coronavirus Prayagraj News : प्रयागराज जिले में दो फीसद मरीजों की हुई संक्रमण से मौत

Coronavirus Prayagraj News 80 फीसद ऐेेसे कोरोना मरीजों की मौत हुई है जो पहले से ही डायबिटिज फेफड़ा कैंसर ब्लड प्रेशर निमोनिया व सांस की बीमारी से पीडि़त थे।

By Brijesh SrivastavaEdited By: Published: Sat, 08 Aug 2020 10:00 PM (IST)Updated: Sat, 08 Aug 2020 10:00 PM (IST)
Coronavirus Prayagraj News : प्रयागराज जिले में दो फीसद मरीजों की हुई संक्रमण से मौत
Coronavirus Prayagraj News : प्रयागराज जिले में दो फीसद मरीजों की हुई संक्रमण से मौत

प्रयागराज, जेएनएन। जिले में जुलाई माह से ही कोरोना से होनी वाली मौत में तेजी आई है। यदि आंकड़ों को देखें तो स्थिति अभी सामान्य है। प्रयागराज में मृत्यु दर (डेथ रेट) सिर्फ दो फीसद ही है। मुख्यमंत्री की ओर से जिम्मेदार अफसरों को निर्देशित किया जा चुका है कि कोरोना से होने वाली मौत को हर हाल में कम किया जाए। कोरोना के संबंध में जानकारी ले रहे मुख्य सचिव व प्रमुख सचिव ने भी बताया था कि डेथ रेट चार फीसद से अधिक है तो मतलब मौत ज्यादा हो रही है लेकिन इससे कम मौत यानी स्थिति अभी भयावह नहीं है।

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कोरोना ने तीन माह में ली 71 की जान

जनपद में छह मई को कोरोना के पहले मरीज की मौत स्वरूपरानी नेहरू कोविड अस्पताल में हुई थी। मृतक लूकरगंज के इंजीनियर थे। फिर संख्या मई में तीन तक व जून में छह और कोरोना मरीजों की मौत हो गई। यानी दो माह में महज नौ मौत हुई थी। उन दिनों कोरोना मरीजों की संख्या भी कम थी। जुलाई में तेजी आई और अगस्त के पहले सप्ताह तक 71 मरीजों की मौत हो गई।

विभिन्न बीमारियों से भी पीडि़त थे मरीज

अब तक सिर्फ एक की मौत एल वन के रेलवे कोविड अस्पताल में हुई थी बाकी 70 मरीजों की जान लेवल थ्री के एसआरएन कोविड अस्पताल में गई। एसआरएन में गंभीर स्थिति वाले ही मरीज आते हैं। डॉक्टरों का कहना है कि 80 फीसद ऐेेसे कोरोना मरीजों की मौत हुई है जो पहले से ही डायबिटिज, फेफड़ा, कैंसर, ब्लड प्रेशर, निमोनिया व सांस की बीमारी से पीडि़त थे।

समय पर अस्पताल पहुंचे तो बच सकती जान

एसआरएन कोविड अस्पताल के नोडल डॉ. सुजीत वर्मा कहते हैं कि यदि कोरोना के लक्षण हैं तो उसकी जांच अवश्य कराएं, क्योंकि इसमें देरी होने पर स्थिति गंभीर हो सकती है। फिर मरीज को बचाना बहुत मुश्किल हो जाता है। यह कोरोना वायरस सबसे ज्यादा फेफड़े को प्रभावित करता है इसलिए सांस संबंधी मरीजों को तो सबसे पहले अलर्ट हो जाना चाहिए।

प्रमुख तथ्‍य

80 फीसद मृतक ऐसे जो पहले से किसी न किसी बीमारी से थे पीडि़त

15 फीसद मृतक जो अस्पताल पहुंचने में कर चुके थे बहुत देरी

05 फीसद मृतक जिन्हेंं पहले से बीमारी नहीं थी, इलाज चला लेकिन नहीं बच सके

30 फीसद महिलाओं की जा चुकी है कोरोना से जान

60 साल से अधिक आयु वालों की मौत सबसे ज्यादा

40 साल से कम वाले मरीजों की रिकवरी रेट सबसे अधिक


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