Coronavirus Prayagraj News : कोरोना से जुड़े भेदभाव और तिरस्कार के खिलाफ आवाज बुलंद करेंगे युवा, CHFWM ने जारी की निर्देशिका
Coronavirus Prayagraj News कोविड-19 के दौर में लोगों में फैले तिरस्कार व भेदभाव के खिलाफ जागरूकता फैलाने के उद्देश्य से युवाओं की मदद ली जाएगी। इसके लिए केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने एक निर्देशिका जारी किया है।
प्रयागराज, जेएनएन। कोविड-19 महामारी संक्रमण का प्रसार धीरे-धीरे प्रयागराज में कम हो रहा है। इससे ठीक होने वाले व्यक्तियों की संख्या भी लगातार बढ़ रही है। इन सबके बीच कोरोना से ठीक हो चुके व्यक्तियों के साथ समाज में भेदभाव और तिरस्कार भी हो रहा है। कोविड-19 के दौर में लोगों में फैले तिरस्कार व भेदभाव के खिलाफ जागरूकता फैलाने के उद्देश्य से युवाओं की मदद ली जाएगी। इसके लिए केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने एक निर्देशिका जारी किया है।
युवा सामाजिक भेदभाव, तिरस्कार के खिलाफ आगे आएंगे
जारी निर्देशिका के अनुसार युवाओं को सामाजिक भेदभाव तिरस्कार के खिलाफ खड़ा किया जाएगा। निर्देशिका में बताया गया है कि स्वास्थ्य सेवाओं के संदर्भ में तिरस्कार का मतलब होता है आपकी बीमारी के चलते कोई व्यक्ति या समुदाय आपको नकारात्मकता से देखता है। महामारी के दौर में इसका मतलब यह है कि किसी एक बीमारी से जुड़े लोगों को चिन्हित कर उनके साथ भेदभाव या अलग व्यवहार किया जाए, उनकी सामाजिक स्थिति और छवि को नुकसान पहुंचाया जाए। इस तरह का व्यवहार उन लोगों को जो खुद बीमारी से जूझ रहे हो या उनकी देखभाल करने वाले परिवार सदस्य दोस्तों और समुदाय के लोगों को प्रभावित कर सकता है।
एडवोकेसी के माध्यम से सोच में आएगा बदलाव
एडवोकेसी का मतलब है किसी मुद्दे को पहचानना और बदलाव की ओर काम करना। जारी निर्देशिका में बताया गया है कि एडवोकेसी के जरिए हम समाज के कमजोर वर्ग की आवाज उठाने में मदद करते हैं। क्योंकि जिन विचारों और परंपराओं में हम बदलाव लाना चाहते हैं, उनका असर इन्हीं वर्गों पर सबसे ज्यादा होता है। एडवोकेसी इसी सामुहिक आवाज का प्रयोग अधिकारों के बचाव और सुरक्षा के लिए करती है, साथ ही अलग-अलग कार्यों और नई शुरुआत में समर्थन करती है।
बदलाव कई स्तर पर हो सकते हैं
• व्यक्तिगत स्तर पर
• स्थानीय स्तर पर (उदाहरण के लिए स्थानीय सरकार, पुलिस, धार्मिक नेता या स्कूल)
• राष्ट्रीय स्तर पर।
भेदभाव के खिलाफ आवाज उठाकर बने यूथ चैंपियन
कोविड-19 से संबंधित सही जानकारी के लिए स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय, विश्व स्वास्थ संगठन, यूनिसेफ दस्त्रावेजों को ही फॉलो करें। जारी निर्देशिका में बताया गया है कि स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय की वेबसाइट या टि्वटर हैंडल से इंटरनेट मीडिया संदेशों और ग्राफिक्स को अन्य इंटरनेट मीडिया प्लेटफार्म पर साझा करें ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि आप के सभी दोस्तों के पास सही व विश्वसनीय जानकारी है। उचित दूरी बनाकर रखते हुए कोरोना वारियर्स के साथ खींची गई अपनी सेल्फी को इंटरनेट मीडिया पर साझा करें। अपने कोरोना योद्धा को वीडियो कॉल करें और स्क्रीनशॉट ले या उचित दूरी रखते हुए तस्वीर लें।
हमारा बिंगो गेम खेलें
कोविड-19 युवा चैंपियन बिंगो नाम का गेम खेल सकते हैं और अपने दोस्तों और साथियों को खेलने के लिए आमंत्रित कर सकते हैं। इसके साथ ही सोशल मीडिया पर लाइव होकर, लोगों के साथ मिलकर तिरस्कार और भेदभाव का सामना करने से जुड़ी जानकारी को शेयर कर सकते हैं।
अपने कौशल को साथियों के साथ बांटें
अपनी बात कहने के लिए कोई लेख लिखें या चित्रकाला या कविताओं के माध्यम से खुद को व्यक्त करें। इनके जरिए दूसरों तक यह बात पहुंचाएं कि कोविड-19 से जुड़े भेदभाव का मुकाबला करना हमारे लिए क्यों जरूरी है और इस महामारी के दौर में हमें भेदभाव को रोकना चाहिए। इंटरनेट मीडिया पर लाइव होकर लोगों को बताएं कि वे अपने समुदाय में कोविड-19 से जुड़े भेदभाव का सामना कर कैसे युवा चैंपियन बन सकते हैं। इससे पहले कि आप दूसरों के साथ जानकारी साझा करें, इस बात को सुनिश्चित करें कि आपके पास सही और सटीक जानकारी हो।
कोरोना योद्धाओं का इंटरव्यू करें
समय निकालकर अपने आसपास में मौजूद कोरोना योद्धाओं और आवश्यक कर्मचारियों जैसे नर्स, डॉक्टर, आशा दीदी, सब्जी व दूध बेचने वाले और कचरा उठाने वाले सफाई कर्मी हो, बस चालकों, समान की डिलीवरी करने वालों से बात करें उनका साक्षात्कार करें और उनसे जाने की कौन सी बात उन्हें प्रेरित करती है और समाज से उन्हें किस तरह का सहयोग चाहिए। इंटरनेट मीडिया पर इस एक वीडियो या लेख के रूप में शेयर करें और सकारात्मकता फैलाएं।
मिथकों को उजागर करने वाली पोस्ट शेयर करें
जारी निर्देशिका में बताया गया है कि कोविड-19 से संबंधित सही जानकारी देने वाली और मिथकों को उजागर करने वाली पोस्ट साझा करें। भ्रामक जानकारी न फैलाएं। इससे समाज में तिरस्कार और भेदभाव को रोकने में सहायता होगी। इस तरह के पोस्ट का प्रिंट लेकर आप उन्हें अपने आसपास चिपका सकते हैं। इसकी तस्वीरें हमारे साथ इंटरनेट मीडिया पर शेयर करें। तिरस्कार का क्या मतलब है, और यह समाज और लोगों के लिए कितना हानिकारक है। इससे जुड़ी जानकारी इंटरनेट मीडिया पर साझा करें। लोगों को भेदभाव के खिलाफ खड़े होने के लिए प्रेरित करें।
समुदाय की जरूरतों को पूरा करने की दिशा में करें काम
जारी निर्देशिका में यह बताया गया है कि आप पहले से ही एक समुदाय का हिस्सा हो सकते हैं यदि हां तो आप यह समझने की दिशा में काम कर सकते हैं कि इस समय समुदाय के लोग कैसा महसूस कर रहे हैं उन की क्या जरूरत है और अपेक्षाएं हैं आप समुदाय के व्हाट्सएप ग्रुप, फेसबुक पेज संदेश वोडाफोन कॉल के जरिए लोगों से परामर्श कर उनकी चिंताओं और जरूरतों की सूची तैयार कर सकते हैं आप अपने सारे कार्यों का विवरण इन समुदायिक ग्रुप पर शेयर कर सकते हैं और अपने समाज को TogetherAgainstCovid19 का सामना करने के लिए तैयार कर सकते हैं।
गलत जानकारी फैलाने वालों को रोके
महामारी के दौर में ज्यादातर लोग परेशान और बड़े हुए हैं और इस मुश्किल समय में लोग कई बार गलत और गैर-तथ्यात्मक जानकारी साझा कर जाते हैं। अक्सर लोगों को यह पता ही नहीं होता है कि सही जानकारी कहां से मिल सकती है। जारी निर्देशिका में यह बताया गया है कि यदि कोई व्यक्ति या आपका दोस्त गलत जानकारी फैला रहा है तो उनसे मिलकर या फिर इनबॉक्स में मैसेज कर उनसे संपर्क कर सही तथ्यों को बताएं। याद रखें आपका उद्देश्य उन्हें नीचा दिखाना नहीं बल्कि उनकी सोच बदलना है। उन्हें बताएं कि जो बातें या सुझाव उन्होंने शेयर किया है उसका स्रोत विश्वसनीय नहीं है। उन्हें किसी विश्वसनीय स्रोत के बारे में जानकारी दें। जहां से वह सही जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।
यदि कोई भेदभाव को बढ़ावा दे रहा है तो क्या करें
जारी निर्देशिका में यह बताया गया है कि अगर कोई भेदभाव को बढ़ावा दे रहा है तो उन्हें यह बताएं कि वायरस किसी को भी प्रभावित कर सकता है और इसका किसी खास समूह के लोगों से कोई लेना देना नहीं है। उन्हें तथ्य उपलब्ध कराएं और शांत तरीके से बताया कि अलग-अलग लोग किस तरह प्रभावित है। उन्हें बताएं कि किसी एक समूह या वर्ग को अलग कर या उन्हें वायरस के लिए जिम्मेदार ठहराने के गंभीर नतीजे हो सकते हैं। इससे हिंसा बढ़ सकती है और इससे लोग जरूरत होने पर भी इलाज के लिए सामने नहीं आएंगे। इससे बीमारी और बढ़ सकती है। इस समय एक दूसरे का साथ देना और सभी का सहयोग करना एक दूसरे के प्रति दया और करुणा का भाव जरूरी है। भले ही हम डरे हुए हो। खुद को संयमित रखें भले ही आप निराश हो या गुस्से में हो।