कोरोना से संक्रमित प्रयागराज के शिक्षकों को नहीं मिल रहा स्वास्थ्य लाभ का समय, काट दिया जा रहा है वेतन
पीडि़त शिक्षक उमाशंकर यादव का कहना है कि कोरोना संक्रमण से उबरने के बाद भी कमजोरी व अन्य समस्याएं बनी हुई हैं। डॉक्टर ने सावधानी बरतने व आइसोलेशन में रहने की हिदायत दी है। बावजूद इसके विभाग की ओर से दोबारा कोविड कंट्रोलरूम की ड्यूटी पर भेजा जा रहा है।
प्रयागराज, जेएनएन। कोरोना पर नियंत्रण के लिए परिषदीय स्कूलों के शिक्षकों को भी जिम्मेदारी दी गई है। वह कोविड कंट्रोल रूम में ड्यूटी दे रहे हैं। पिछले दिनों कई शिक्षक ड््यूटी के दौरान संक्रमण का शिकार हो गए। वे सभी आइसोलेशन में थे तभी दोबारा ड्यूटी पर बुलाया जाने लगा। शासन का निर्देश है कि 28 दिन बाद ही स्वस्थ होने पर ड्यूटी के लिए किसी कर्मचारी को बुलाया जाए। इस नियम की अनदेखी से शिक्षकों में खासी नाराजगी है।
निगेटिव रिपोर्ट आते ही बुला रहे ड्यूटी पर
ऐसे ही एक पीडि़त शिक्षक उमाशंकर यादव का कहना है कि कोरोना संक्रमण से उबरने के बाद भी कमजोरी व अन्य समस्याएं अब भी बनी हुई हैं। डॉक्टर ने सावधानी बरतने व आइसोलेशन में रहने की हिदायत दी है। बावजूद इसके विभाग की ओर से दोबारा कोविड कंट्रोलरूम की ड्यूटी पर भेजा जा रहा है। सुरजीत गौतम, अनिल कुमार, शिवम मिश्रा, सुरेंद्र कुमार सिंह, अंकित कुमार सहित कुल 92 अध्यापकों का अप्रैल का वेतन भी रोक दिया गया है। प्राथमिक शिक्षक प्रशिक्षित स्नातक एसोसिएशन के जिला संयुक्त मंत्री अफरोज अहमद ने बताया कि इस प्रकरण में बेसिक शिक्षाधिकारी से वार्ता की गई तो उन्होंने कहा कि संक्रमण के शिकार अध्यापक साक्ष्य के साथ प्रत्यावेदन दें तो उनका वेतन अवमुक्त कर दिया जाएगा। शिक्षक नेता अजय सिंह ने भी बीएसए से इस मामले में वार्ता कर सहानुभूतिपूर्वक विचार करने का आग्रह किया है। उनका कहना है कि कोविड के नियमों के तहत संक्रमण के बाद 278 दिन का समय गुजरने के पहले ही ड्यूटी पर बुलाने का काम सरासर अमानवीयता है। यह ठीक नहीं है।