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Corona Fighters: सकारात्मक सोच से मिली विजय, प्रयागराज नगर निगम के जोनल अफसर खुद करते रहे सारा काम

Corona Fighters बुखार के बावजूद वह खुद मन पसंद खाना बनाकर खाते थे कपड़े आदि धुलते थे और फोन से ही दफ्तर के काम भी निपटाते थे। नकारात्मक सोच नहीं लाना चाहिए। आवास का रास्ता अलग होने के कारण किसी अन्य को संक्रमण होने का खतरा भी नहीं था।

By Rajneesh MishraEdited By: Published: Sat, 08 May 2021 09:26 PM (IST)Updated: Sat, 08 May 2021 09:26 PM (IST)
Corona Fighters: सकारात्मक सोच से मिली विजय, प्रयागराज नगर निगम के जोनल अफसर खुद करते रहे सारा काम
प्रयागराज नगर निगम जोन चार के जोनल अधिकारी (जेडओ) संजय ममगई ने कोरोना संक्रमण को मात दी।

प्रयागराज, जेएनएन। कोरोना होने पर घबराएं बिल्कुल नहीं। बस तय कर लें कि उसे हराना है। सोच को सकारात्मक रखें। खानपान पर ध्यान दें। दवाइयों को समय पर लेते रहे। मन में फालतू की बातें न आनें दें। तय मान लीजिए इतना करने के बाद कोरोना आपका कुछ नहीं बिगाड़ पाएगा। लोगों ने इन्हीं बातों को शस्त्र बनाकर कोरोना पर विजय प्राप्त की है।

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खुद काम करते हुए जेडओ ने वायरस को हराया

कोरोना महामारी पर विजय पाने के लिए इलाज, परहेज, योग, व्यायाम फायदेमंद हैं ही लेकिन, सकारात्मक सोच और हौसले को बनाए रखना भी बेहद जरूरी है। इन सभी चीजों का अनुसरण करते हुए नगर निगम जोन चार के जोनल अधिकारी (जेडओ) संजय ममगई ने कोरोना संक्रमण को मात दी। इस दौरान उन्होंने अपना सारा काम खुद किया। तकलीफ होने पर उन्होंने जांच कराई तो एंटीजेन पॉजिटिव आया। इसके बाद वह निगम स्थित आवास में खुद को आइसोलेट कर लिया। वह बताते हैं कि बीमार रहने पर उन्होंने गर्म पानी, नींबू पानी, काढ़ा का खूब इस्तेमाल किया। भाप लेते थे और धूप में आधे घंटे सिकाई करते थे। आक्सीमीटर और थर्मामीटर से आक्सीजन लेवल एवं तापमान मापते रहते थे। बुखार के बावजूद वह खुद मन पसंद खाना बनाकर खाते थे, कपड़े आदि धुलते थे और फोन से ही दफ्तर के काम भी निपटाते थे। नकारात्मक सोच नहीं लाना चाहिए। आवास का रास्ता अलग होने के कारण किसी अन्य को संक्रमण होने का खतरा भी नहीं था। 25 को रिपोर्ट निगेटिव आई। लेकिन, कमजोरी होने से वर्क फ्राम होम अब भी कर रहे हैं।

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मां की तीमारदारी पड़ी महामारी पर भारी

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संसू, हनुमानगंज : कहते हैं कि मां का दर्जा समाज में सबसे ऊंचा होता है। बच्चों के लिए मां कुछ भी कर सकती है। कोरोना काल में मां की तीमारदारी से बच्चे तेजी से स्वस्थ हो रहे हैं। ब्लाक बहादुरपुर के बरईपुर गांव निवासी आशा देवी का पुत्र मनीष मिश्र बीमा कंपनीमें एजेंट हैं। पांच अप्रैल को मनीष को बुखार आ गया। सांस लेने में तकलीफ होने लगी।  जांच कराई तो रिपोर्ट पाजिटिव आ गई। चिकित्सकों की सलाह पर आइसोलेट हो गए। बेटे को दिक्कत में देख मां ने मोर्चा संभाला। गिलोय, काली मिर्च, सोंठ, लौंग, हल्दी व तुलसी की पत्ती को एक साथ मिलाकर गुड़ के साथ काढ़ा बनाकर बेटे को दिन में तीन बार देती रहीं। सुबह-शाम गुनगुना पानी पिलाती रहीं। इस तरह 15 दिनों में ही कोरोना को भगा दिया। आशा देवी बताती है कि बेटा डायबटीज का भी पेसेंट है लेकिन वह जरा भी नहीं घबराईं।


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