ये हैं कोरोना फाइटर्स, ऑक्सीजन स्तर गिरा लेकिन घबराए नहीं, फेफड़ों को भी शिथिल नहीं होने दिया
शुरुआती लक्षण दिखने पर ही जांच करा ली और इलाज व बचाव शुरू कर दिया। सभी घर पर रहते हुए नियमित रूप से योगाभ्यास करते रहे। इससे वे खुद को बीमार माने ही नहीं बस सावधानी के साथ दिनचर्या जीते रहे। भोजन में पौष्टिक चीजों का खूब प्रयोग किया।
प्रयागराज, जेएनएन। कोरोना वायरस महामारी को हराने के लिए सबसे बड़ा हथियार हिम्मत है। यदि घबराएं नहीं और मानसिक रूप से मजबूत बने रहें तो कठिन परिस्थिति से निपट लेंगे इस बात की गारंटी है। यह कहना है कटरा निवासी अमिता सिंह का। पिछले दिनों वह कोरोना संक्रमित हुईं। आक्सीजन स्तर 50 पहुंचने पर अस्पताल भी जाना पड़ा। वहां नौ दिन भर्ती रहीं। इस बीच कभी भी उन्होंने अपना धैर्य नहीं खोया।
कोविड मरीजों के लिए अमिता के टिप्स
अमिता हमेशा सकारात्मक सोच बनाकर डॉक्टर के निर्देशों का पालन करती रहीं। अपने से गहरी श्वांस लेना और छोडऩे के अतिरिक्त अनुलोम विलोम व प्राणायाम करने का क्रम भी जारी रहा। इससे फेफड़े हमेशा क्रियाशील बने रहे। खुद में भी ऊर्जा का संचार होता रहा। अमिता बताती हैं कि उनके बेटे अभिनव श्रीवास्तव, बेटी आकृति व अदिति भी संक्रमण की जद में आईं। उन्हें अस्पताल नहीं ले जाना पड़ा। इसकी वजह यह कि सभी ने खुद को संतुलित रखा और डॉक्टर के सुझाव को मानते रहे।
शुरुआती लक्षण में जांच कराया, इलाज और बचाव करने लगा परिवार
बताया कि शुरुआती लक्षण दिखने पर ही जांच करा ली और इलाज व बचाव शुरू कर दिया। सभी घर पर रहते हुए नियमित रूप से योगाभ्यास करते रहे। इसका असर रहा कि वे खुद को बीमार माने ही नहीं बस सावधानी के साथ दिनचर्या जीते रहे। भोजन में पौष्टिक चीजों का खूब प्रयोग किया। प्रोटीन विटामित सभी चीजें जाएं इसके लिए ड्राई फूट, मौसमी फल व दाल का सेवन बराबर करते रहे। अब भी इन चीजों को ले रहे हैं जिससे सुस्ती, थकान व कमोरी जैसी समस्याएं से छुटकारा मिल रहा है।