Corona Fighters:प्यार के इन मधुर शब्दों 'घबराओ नहीं, हम हैं न' ने दी ऊर्जा और हार गया संक्रमण
Corona Fighters करीब बीस दिन में रिपोर्ट निगेटिव आ गई। परिवार के लोगों ने भी खूब मदद की। सभी ने यही कहा कि ईश्वर पर भरोसा रखो। जल्द ही सब ठीक हो जाएगा। हम भी सुबह करीब पांच बजे उठ जाते थे। घर के किनारे के हिस्से में थोड़ा टहलते।
प्रयागराज, जेएनएन। संक्रमण से जीतने के लिए आत्मबल जरूरी है। परिवार के लोगों का यह कहना कि 'घबराओ नहीं, हम हैं नÓ बहुत ऊर्जा देता है। बाकी डॉक्टर की सलाह और घरेलू उपचार तो कारगर होता ही है। यह कहना है कोविड-19 के संक्रमण को मात दे चुकी एडीए कालोनी नई झूंसी की रहने वाली प्राथमिक विद्यालय तुलापुर की शिक्षक रेनू पांडेय का। उन्होंने बताया कि पांच अप्रैल को रिपोर्ट पाजिटिव आई थी।
उस समय स्थिति काफी गंभीर थी। डॉक्टर ओपी त्रिपाठी ने प्राथमिक उपचार के बाद कुछ सलाह देकर घर भेज दिया। उसके बाद लगातार गर्म पानी, भाप, काढ़ा, नारियल पानी, हल्दी वाला दूध, बीटाडीन डालकर गरारा करते रहे। यह सब दिन में कई बार किए। करीब बीस दिन में रिपोर्ट निगेटिव आ गई। परिवार के लोगों ने भी खूब मदद की। सभी ने यही कहा कि ईश्वर पर भरोसा रखो। जल्द ही सब ठीक हो जाएगा। हम भी सुबह करीब पांच बजे उठ जाते थे। घर के किनारे के हिस्से में थोड़ा टहलते।
अनुलोम विलोम के साथ अन्य आसन-प्राणायाम करते। दिन में जब कभी लगता कि आक्सीजन का स्तर गिर रहा है तो पेट के बल लेट जाते। अधिकतर समय इसी तरह लेटते जिससे काफी राहत मिलती थी। भोजन बिलकुल सादा लेते थे। यही कोशिश होती कि पौष्टिक चीजें शरीर में जाएं। मैं भी दिनभर अखबार पढ़ती और मोबाइल से देश दुनिया की खबरें जानने के साथ ही फेसबुक पर समय देती। लोगों से बातचीत भी करती।