अखिल भारतीय प्राइज मनी इंदिरा मैराथन को लेकर असमंजस Prayagraj News
क्षेत्रीय क्रीड़ा अधिकारी अनिल तिवारी ने बताया कि अब तक नियमित रूप से खेल प्रतियोगिताएं नहीं शुरू हो सकी हैं। सिर्फ नियमित प्रशिक्षकों को ही स्टेडियम में नियमत व शर्तों के साथ खिलाडिय़ों को प्रशिक्षण देने की अनुमति हैं। प्रतियोगिताओं का आयोजन अब भी नहीं हो रहा है।
प्रयागराज,जेएनएन। पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की जन्मतिथि पर 19 नवंबर को हर साल अखिल भारतीय इंदिरा मैराथन का आयोजन होता है। कई महीने पहले इसकी तैयारी शुरू हो जाती है। इस बार कोरोना के चलते अब तक कोई पहल नहीं हुई है। आयोजन को लेकर शासन से कोई निर्देश भी नहीं मिला है। इस वजह से चार दशक से होती आ रही मैराथन पर असमंजस बरकरार है।
क्षेत्रीय क्रीड़ा अधिकारी अनिल तिवारी ने बताया कि अब तक नियमित रूप से खेल प्रतियोगिताएं नहीं शुरू हो सकी हैं। सिर्फ नियमित प्रशिक्षकों को ही स्टेडियम में नियमत व शर्तों के साथ खिलाडिय़ों को प्रशिक्षण देने की अनुमति हैं। प्रतियोगिताओं का आयोजन अब भी नहीं हो रहा है। इंदिरा मैराथन दौड़ को लेकर भी कोई लिखित आदेश नहीं आया है। कोरोना संक्रमण के चलते तमाम खिलाड़ी भी अभ्यास से दूर हैं। शहर में रहने वाले एथलीट भी अभी सक्रियता नहीं दिखा रहे हैं। इससे असमंजस की स्थिति बनी हुई है।
आनंद भवन से शुरू होती है दौड़
पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के जन्मदिन पर होने वाली यह दौड़ हर साल सुबह 6:30 बजे आनंदभवन से शुरू होती थी। 42.195 किलोमीटर की दौड़ इसमें प्रत्येक धावक को लगानी पड़ती है। इसके लिए उत्साह के साथ खिलाड़ी देशभर से जुड़ते थे। कई दिन पहले से खिलाडिय़ों का पंजीयन व चेस्ट नंबर आवंटित होना शुरू हो जाता था।
कम उम्र के बच्चों के लिए शुरू हुई क्रासकंट्री दौड़
इंदिरा मैराथन के साथ ही कम उम्र के खिलाडिय़ों के लिए क्रास कंट्री दौड़ भी शुरू की गई। यह दस किलोमीटर की रखी जाता थी। इसके कई वर्गों में भी बांटा जाता था। महिलाओं, विकलांगों व बुजुर्गों के लिए भी अलग अलग वर्ग निर्धारित किए जाते थे।