कच्चा माल ढाई गुना तक महंगा होने से प्लास्टिक यूनिटें 'बेजार' Prayagraj News
प्लास्टिक इंडस्ट्री रॉ मैटेरियल के लिए आयात पर निर्भर रहती हैं। कोरोना के कारण इसके आयात में काफी गिरावट आई है। इस वजह से यहां की इंडस्ट्री को भी घरेलू माल सप्लायर्स पर निर्भर होना पड़ा है। घरेलू सप्लायरों ने मौके का फायदा उठाते हुए कीमतें बढ़ा दी हैं।
प्रयागराज,जेएनएन। प्लास्टिक के लिए रॉ-मैटेरियल (कच्चा माल) बनाने वाली कंपनियां केंद्र सरकार के आत्मनिर्भर भारत अभियान का बेजा लाभ उठा रही हैं। चीन से आयात में कमी का फायदा उठाते हुए इन कंपनियों ने पिछले छह-सात महीने में कच्चे माल का दाम लगभग ढाई गुना तक बढ़ा दिए हैं। प्लास्टिक मैटेरियल तैयार करने में इस्तेमाल होने वाले केमिकल का रेट भी 50 से 100 फीसद तक बढ़ा दिए गए हैं। इसका व्यापक असर यह की प्लास्टिक यूनिटों पर पड़ा है। इनकी कीमतों में बेइंतहा वृद्धि से कई यूनिटें 'बेजारÓ हो गई हैं।
प्लास्टिक इंडस्ट्री रॉ मैटेरियल के लिए आयात पर निर्भर रहती हैं। कोरोना के कारण इसके आयात में काफी गिरावट आई है। इस वजह से यहां की इंडस्ट्री को भी घरेलू माल सप्लायर्स पर निर्भर होना पड़ा है। वहीं, घरेलू माल सप्लायरों ने मौके का फायदा उठाते हुए कच्चे माल की कीमतें बढ़ा दी हैं। विगत छह-सात महीने में पीवीसी, एबीसी, पॉलिप्रोपलिन, पीसी, पीईटी जैसे रॉ मैटेरियल की कीमतों में लगभग 20 से 120 फीसद तक वृद्धि हो चुकी है।
जिले में ढाई दर्जन इकाइयां, 400 करोड़ से ज्यादा का कारोबार
नैनी इंडस्ट्रीज एसोसिएशन के अध्यक्ष राजीव नैयर का कहना है कि जिले में करीब ढाई दर्जन प्लास्टिक प्रोसेसिंग यूनिटें हैं। इनका सालाना कारोबार चार सौ करोड़ रुपये से ज्यादा है। इससे सैकड़ों लोगों को रोजगार मिला है। लेकिन, मौजूदा संकट से करीब 20 फीसद तक उत्पादन घट गया है। ज्यादा दिन तक यही स्थिति रही तो लोगों के बेरोजगार होने का खतरा भी बढ़ जाएगा। कच्चे माल के मूल्य वृद्धि पर सरकार ने यदि नियंत्रण नहीं लगाया तो कई इकाइयां भी बंद हो जाएंगी।
कच्चे माल के बढ़े भाव (फीसद में)
पीवीसी - 64
एसबीपीसी- 140
पीसी- 110
एचडीपीई- 28
एलएलडीपीई- 29
पॉलिप्रोपलिन- 34
जीपीएस - 43
एचआइपीएस- 48