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प्रयागराज में फलों और सब्जियों से निकलने वाले गीले कचरे से खाद बनेगी, मुंडेरा मंडी में बायो कंपोस्टिंग प्लांट होगा

प्रयागराज की मुंडेरा मंडी में बायो कंपोस्टिंग प्लांट स्थापित होगा। इस प्‍लांट को लगाने का काम शुरू हो गया है। बायो कंपोस्टिंग प्लांट का काम एक महीने में पूरा करना है। प्लांट तैयार होने के बाद गीले कचरे से कंपोस्ट खाद बनाने का काम शुरू हो जाएगा।

By Brijesh SrivastavaEdited By: Published: Sun, 07 Feb 2021 09:24 AM (IST)Updated: Sun, 07 Feb 2021 09:24 AM (IST)
प्रयागराज में फलों और सब्जियों से निकलने वाले गीले कचरे से खाद बनेगी, मुंडेरा मंडी में बायो कंपोस्टिंग प्लांट होगा
प्रयागराज की मुंडेरा मंडी में बायो कंपोस्टिंग प्लांट लगाने का काम शुरू हो चुका है।

प्रयागराज, जेएनएन। प्रयागराज शहर में फल व सब्‍जी की थोक मंडी मुंडेरा मंडी है। यहां दूर-दूर से व्‍यापारी और किसान आकर थोक में सब्जियां और फल बेचते और खरीदते हैं। जाहिर है कि इतनी अधिक मात्रा में फल और सब्जियां खराब भी होती हैं। इससे उठती दुर्गंध से लोग परेशान रहते हैं। हालांकि अब ऐसा नहीं होगा। फल और सब्जियों से निकलने वाले गीले कचरे से कंपोस्ट खाद बनाने की तैयारी है।

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इसके लिए मुंडेरा मंडी में बायो कंपोस्टिंग प्लांट स्थापित होगा। इस प्‍लांट को लगाने का काम शुरू हो गया है। बायो कंपोस्टिंग प्लांट का काम एक महीने में पूरा करना है। प्लांट तैयार होने के बाद गीले कचरे से कंपोस्ट खाद बनाने का काम शुरू हो जाएगा।

मुंडेरा मंडी में प्रतिदिन औसतन तीन हजार किग्रा कचरा निकलता है

मुंडेरा मंडी में फलों और सब्जियों से प्रतिदिन औसत तीन टन यानी तीन हजार किग्रा कचरा निकलने का अनुमान है। इसी हिसाब से नगर निगम ने तीन टन क्षमता का बायो कंपोस्टिंग प्लांट निर्माण के लिए अहमदाबाद, गुजरात की एजेंसी बायोफिक्स का चयन किया है। प्लांट का निर्माण और मशीन आदि लगाने का काम एजेंसी को ही कराना है। इसके निर्माण में करीब 40 लाख रुपये खर्च आने का अनुमान है। प्लांट स्थापित करने के लिए शेड का निर्माण करने के लिए निगम की ओर से टेंडर निकाला गया है, जिस पर 9,75,450 रुपये खर्च होना है। वहीं, एजेंसी की ओर से प्लांट निर्माण का काम शुरू करा दिया गया है।

खाद की कीमत दो रुपये व यूजर चार्ज पांच रुपये

कहा जा रहा है कि निगम प्रशासन एजेंसी को प्रति किग्रा के हिसाब से यूजर चार्ज देगा, जबकि कंपोस्ट खाद बनने पर वह निगम को दो रुपये में मिलेगी। इस दर से करीब तीन हजार किग्रा कचरे का यूजर चार्ज हर महीने लगभग साढ़े चार लाख रुपये देना पड़ेगा और खाद मिलेगी करीब 1.8 लाख रुपये की। ऐसे में यह भी सवाल उठ रहा है कि इससे निगम को फायदा क्या होगा। उसे हर महीने करीब पौने तीन लाख रुपये का नुकसान होगा।  


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