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प्रयागराज में नौकरी के लिए प्रतियोगी छात्रों ने रोकी ट्रेन, रेलवे ने दी भर्ती से वंचित करने की चेतावनी

नौकरी के लिए विरोध प्रदर्शन करते हुए प्रयाग स्टेशन पर कानपुर पैसेंजर ट्रेन रोककर नारेबाजी की। रेलवे ट्रैक पर उतरे सैकड़ों प्रतियोगी छात्रों ने 2.20 बजे ट्रेन रोकी तो रेलवे प्रशासन में खलबली मच गई। जीआरपी और आरपीएफ ने फौरन हरकत में आकर छात्रों को किसी तरह ट्रैक से हटाया।

By Ankur TripathiEdited By: Published: Tue, 25 Jan 2022 03:16 PM (IST)Updated: Wed, 26 Jan 2022 12:08 AM (IST)
प्रयागराज में नौकरी के लिए प्रतियोगी छात्रों ने रोकी ट्रेन, रेलवे ने दी भर्ती से वंचित करने की चेतावनी
नौकरी के लिए विरोध प्रदर्शन करते हुए प्रयाग स्टेशन पर कानपुर पैसेंजर ट्रेन रोककर नारेबाजी की।

प्रयागराज, जेएनएन। आरआरबी (रेलवे भर्ती बोर्ड) की एनटीपीसी (नान टेक्निकल पापुलर कैटेगरी) के अभ्यर्थियों ने मंगलवार दोपहर नौकरी के लिए विरोध प्रदर्शन करते हुए प्रयाग स्टेशन पर कानपुर पैसेंजर ट्रेन रोककर नारेबाजी की। रेलवे ट्रैक पर उतरे सैकड़ों प्रतियोगी छात्रों ने 2.20 बजे ट्रेन रोकी तो रेलवे प्रशासन में खलबली मच गई। जीआरपी और आरपीएफ ने फौरन हरकत में आकर छात्रों को किसी तरह ट्रैक से हटाया। इसके बाद ट्रेन आगे रवाना हो सकी। यह कानपुर से प्रयागराज संगम जा रही थी। प्रतियोगी छात्रों का हुजुम नारे लगाते हुए स्टेशन से आगे बढ़ गया। कुछ प्रदर्शन कारियों को पुलिस ने हिरासत में लिया औऱ उनके खिलाफ कार्रवाई की जा रही है। इस बीच रेलवे की ओर से कहा गया है कि बेवजह ऐसा कानून विरोधी हरकत करने वाले युवा रेलवे की भर्ती से वंचित किए जा सकते हैं। ऐसे में वे फिर रेलवे की भर्तियों में शामिल नहीं किए जाएंगे।

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जानिए ​​​​​क्यों कर रहे थे प्रदर्शन

14 जनवरी को आरआरबी में एनटीपीसी का रिजल्ट आया। इस रिजल्ट के बाद से छात्र आंदोलनरत हैं और इंटरनेट मीडिया पर जबजस्त मामला ट्रेंड कर रहा है। छात्रों का कहना है कि रेलवे बोर्ड ने नोटीफिकेशन में कहा था कि सीबीटी प्रथम परीक्षा में 20 प्रतिशत उम्मीदवारों को चयनित किया जाएगा। लेकिन, जब रिजल्ट आया तो बोर्ड ने मात्र पांच प्रतिशत उम्मीदवारों का ही चयन किया है। इसी से नाराज छात्रों ने इंटरनेट मीडिया पर पहले आनलाइन विरोध जताया और मंगलवार को सड़क उतर गए।

प्रयाग स्टेशन पर सैकड़ों छात्र अपना विरोध जताने के लिए जुटे। रेलवे ट्रैक पर छात्रों की भीड़ जुटी तो हड़कंप मच गया। छात्रों का कहना है कि बोर्ड अपनी मनमानी कर रहा है। इस परीक्षा में जिन छात्रों ने दो पदों के लिए क्वलीफाई किया है, जब वह एक ही पद चुनेंगे तो दूसरा पद खाली ही रह जाएगा। ऐसे में अगर अधिक संख्या में और नोटीफिकेशन के अनुरूप छात्रों का चयन किया जाए तो सभी पद भी भरेंगे और छात्रों को नौकरी भी मिल जाएगी। ऐसे में बोर्ड को फिर से रिजल्ट को संशोधित करना चाहिए। नोटीफिकेशन के अनुरूप 20 गुना परीक्षार्थियों को सीबीडी टू परीक्षा के लिए चयनित करना चाहिए। ऐसा नहीं होता तो छात्रों का विरोध जारी रहेगा।

रेलवे की ओर से यह कहा गया

उत्तर मध्य रेलवे ने एनटीपीसी एग्जाम को लेकर विज्ञप्ति जारी कर बताया कि इस भर्ती में पद के सापेक्ष 20 गुना अभ्यर्थियों को सीबीटी द्वितीय के लिए चयनित किया गया है। सब कुछ नियमावली व नोटिफिकेशन के अनुसार ही हो रहा है। रेलवे एनटीपीसी एग्जाम का रिजल्ट 14 जनवरी को जारी हुआ था। अभ्यर्थी मंगलवार को जगह-जगह रिजल्ट  को संशोधित करने के लिए प्रदर्शन कर रहे थे। अभ्यर्थियों का कहना था कि सीबीटी प्रथम में सिर्फ 4 से 5% परीक्षार्थियों को ही दूसरे चरण के एग्जाम के लिए चयनित किया गया है। वह इसी बात को लेकर रिजल्ट में संशोधन की मांग कर रहे थे। भारी विरोध प्रदर्शन जगह-जगह बवाल, हंगामा ट्रेन रोके जाने की घटनाएं व इंटरनेट मीडिया पर चल रहे प्रदर्शन के बाद बोर्ड स्तर से लेकर जोन स्तर तक अलग-अलग प्रेस विज्ञप्ति जारी की गई है।

परीक्षार्थियों को रेलवे ने अपनी ओर से स्पष्टीकरण जारी कर पद के सापेक्ष चयनित किए गए अभ्यर्थियों की संख्या भी स्पष्ट कर दी है। बोर्ड की ओर से रेलवे ट्रैक को बाधित करने व बवाल करने वाले लोगों को चेतावनी भी दी गई है कि ऐसे लोगों पर वह कड़ी कार्रवाई कर सकता है और रेलवे की नौकरी से हमेशा के लिए वंचित कर सकता है।


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