Covid-19 संक्रमण के दौर में प्रतियोगी छात्र इंटरनेट मीडिया से ले रहे संगम नगरी का हाल
कोरोना काल में प्रतियोगी छात्र इन दिनों प्रयागराज से अपने पैतृक जिलों को चले गए हैं। वहां से ही वह इंटरनेट मीडिया के माध्यम से दोस्तों से संपर्क कर रहे हैं। साथियों से प्रयागराज में कोरोना के हाल की जानकारी भी वे ले रहे हैं।
प्रयागराज, जेएनएन। कोरोना वायरस संक्रमण की दूसरी लहर की आहट पाकर तमाम प्रतियोगी छात्रों ने शहर छोड़ दिया है। कुछ होली पर अपने घर गए तब से अब तक नहीं लौटे लेकिन उन्हें अपनी पढ़ाई की चिंता सता रही है। तमाम छात्रों का कहना है कि घर पर ठीक से पढ़ाई का माहौल नहीं बन रहा है। चीजें अस्त-व्यस्त हैं। कुछ लोग शहर में बिताए 'अच्छे दिन' मिस कर रहे हैं। यही वजह है कि वह जल्द से जल्द संगम नगरी लौटना चाहते हैं। इसके लिए वह वाट्सएप व फेसबुक पर पूछ रहे हैं कि क्या प्रयागराज जा सकते हैं। वहां की स्थिति कैसी है। उनकी प्रार्थना है कि जल्द से जल्द संक्रमण समाप्त हो।
फेसबुक पेज पर लिख रहे कमेंट्स
फेसबुक पेज 'कमरा खाली है' पर हंडिया के वेद प्रकाश वेद ने लिखा कि क्या इस समय इलाहाबाद जाया जा सकता है। कमेंट बाक्स में आकाश यादव ने लिखा लगता है दाल-भात और चोखा याद आ रहा है। ज्ञानेंद्र सिंह ने प्रतिक्रिया दी कि लगता है आजादी नहीं मिल रही है। अतुल सिंह ने वास्तविकता के करीब जाकर लिखा कि आने में कोई दिक्कत नहीं है पर आक्सीजन, खाली कमरा और एक बेड की व्यवस्था कर के आना भाई। राहुल तिवारी ने गंभीर प्रतिक्रिया दी कि भाई साहब जहां पड़े हो पड़े रहो। यात्रा करना सुरक्षित नहीं है।
संगम नगरी का मस्त मलंग जीवन विद्यार्थी मिस कर रहे हैं
समर्थ शिवम मिश्र ने लिखा कि कोरोना कैरियर बनना है तो जरूर जाओ। इंजीनियर अशोक यदुवंशी ने अपनी समस्या बताते हुए टिप्पणी की कि आओ लेकिन साथ में मेरे लिए राशन भी लेते आना। राहुल सक्सेना ने भी लिखा कि मन बना लिया है तो साथ में आक्सीजन का सिलेंडर जरूर लेकर आना। सुधांशु सिंह ने भी परिहास करते हुए सचेत किया कि रसूलाबाद घाट पर भीड़ बहुत अधिक है। इस तरह के तमाम कमेंट देखने को मिल रहे हैं। इससे साफ है कि संगम नगरी का मस्त मलंग जीवन विद्यार्थी जरूर मिस कर रहे हैं।