गांवों में बनेंगे सामुदायिक शौचालय, निश्शुल्क प्रयोग कर सकेंगे ग्रामीण Prayagran News
सामुदायिक शौचालय के लिए विश्व बैैंक की ओर से भी आर्थिक मिलेगी। गांवों में एक सामुदायिक शौचालय के निर्माण की राशि विश्व बैैंक व दूसरे का धन ग्राम पंचायत देगी।
प्रयागराज, [ज्ञानेंद्र सिंह]। गांव के लोगों को खुले में शौच को रोकने के लिए एक और वृहद योजना शुरू होने जा रही है। स्वच्छ भारत मिशन योजना (ग्रामीण) के तहत हर गांव में दो-दो सामुदायिक शौचालय (कम्यूनिटी टॉयलेट) बनाए जाएंगे, एक अनुसूचित जाति की बस्तियों में और दूसरा उन मजरों में बनेंगे जहां एकल शौचालयों की कमी है। या फिर उन घरों के आसपास बनाए जाएंगे, जहां जगह न होने के कारण एकल शौचालय नहीं बनाए जा सके थे। एक साल में सभी सामुदायिक शौचालय बन जाएंगे। कम्यूनिटी टॉयलेट में ग्राम पंचायत की ओर से स्टॉफ भी तैनात होगा। इस शौचालय के प्रयोग करने में किसी प्रकार का शुल्क नहीं लगेगा।
विश्व बैैंक से भी आर्थिक मदद
सामुदायिक शौचालय के लिए विश्व बैैंक की ओर से भी आर्थिक मिलेगी। गांवों में एक सामुदायिक शौचालय के निर्माण की राशि विश्व बैैंक व दूसरे का धन ग्राम पंचायत देगी।
जिला प्रशासन तय करेगा एजेंसी
विश्व बैैंक से मिलने वाली रकम से जो सामुदायिक शौचालय बनेगा, उसके निर्माण के लिए एजेंसी जिला प्रशासन तय करेगा। वहीं दूसरा सामुदायिक ग्राम पंचायत बनवाएगी।
महिला-पुरुष के होंगे अलग टॉयलेट
सामुदायिक शौचालयों में दो टॉयलेट होंगे, जिसमें महिला और पुरुष के लिए होगा। इसी तरह से अलग-अलग यूरिनल भी बनाए जाएंगे। यहां स्वीपर भी तैनात किए जाएंगे।
पानी के लिए लगेगी टंकी व पंप
पानी के लिए बोङ्क्षरग कराई जाएगी। वहां पंप लगेगा और एक टंकी भी होगी। इसके साथ वॉश बेसिन भी लगेगा। सामुदायिक शौचालयों की फर्श पर टाइल्स भी लगाई जाएगी।
खास बातें
02 लाख दो हजार रुपये से एक सामुदायिक शौचालय बनेगा
05 लाख से ज्यादा एकल शौचालय अब तक बनाए गए हैैं जिले में
06 लाख से ज्यादा की आबादी को मिलेगा कम्यूनिटी टॉयलेट का लाभ
14 वें वित्त आयोग व राज्य वित्त आयोग के बजट से पंचायतें देंगी धन
64 लाख के लगभग वर्तमान में है जिले की जनसंख्या
62 करोड़ रुपये के करीब खर्च होंगे सामुदायिक शौचालयों के निर्माण में
3070 सामुदायिक शौचालय बनाए जाएंगे जिले के 1535 गांवों में
102 ग्राम पंचायतें नगर निगम में हाल में शामिल हुई हैैं, वहां ये काम नहीं।
बोलीं डीपीआरओ
डीपीआरओ रेनू श्रीवास्तव कहती हैं कि जिले में सामुदायिक शौचालयों के निर्माण के लिए शासन से हरी झंडी मिल गई है। जल्द ही गांवों में इसका कार्य शुरू हो जाएगा। इससे उन ग्रामीणों को खुले में शौच नहीं जाना पड़ेगा, जिनके पास टॉयलेट नहीं हैै।