सीएम के जनसुनवाई पोर्टल पर अभी भी इलाहाबाद ही नाम
सीएम के जनसुनवाई पोर्टल पर इलाहाबाद का ही नाम है, जबकि प्रयागराज होना चाहिए था। कई विभागों के वेब पोर्टल पर भी सुधार नहीं हो सका।
प्रयागराज : इलाहाबाद का नाम प्रयागराज होने के बाद पूरे प्रदेश में इसे लेकर कवायद तेज हो गई। विभागों में इलाहाबाद के स्थान पर प्रयागराज लिख दिए गए। मोहरें बदल दी गईं लेकिन पोर्टल की ओर किसी का ध्यान नहीं गया। यहां तक कि सीएम के जनसुनवाई पोर्टल पर भी इलाहाबाद ही अंकित है। वहीं यूपी पुलिस, भूलेख, आपूर्ति, विद्युत विभाग के अलावा, जनसेवा केंद्र सहित अन्य सरकारी पोर्टलों पर अभी तक प्रयागराज नहीं किया जा सका है। सभी में इलाहाबाद ही दिख रहा।
हालांकि लोग अपना अधिकतर कार्य पोर्टल के माध्यम से ही कर रहे हैं। यहां तक कि जिले में ही नहीं देश-विदेश में रहने वाले प्रयागराज के लोग पोर्टल का इस्तेमाल करते हैं। ऐसे में इसे सरकारी तंत्र की उदासीनता कहा जाए या लापरवाही लेकिन इस ओर सरकारी महकमा सक्रियता नहीं बरत रहा। जबकि शायद इसे बदलने में महज एक मिनट से कम ही लगेगा।
आनलाइन बन रहे जाति, आय प्रमाण पत्र में भी इलाहाबाद ही :
प्रयागराज आपलोड नहीं किए जाने के चलते आनलाइन बन रहे आय, जाति, निवास, मृत्यु आदि के प्रमाण पत्रों व खसरा खतौनी में इलाहाबाद लिखकर आ रहा है।
मोबाइल एप में भी इलाहाबाद :
राज्य सरकार द्वारा सुविधा जनक के लिए बनाए गए विभिन्न पोर्टल की तरह ही मोबाइल एप में भी अभी तक प्रयागराज की जगह इलाहाबाद ही दिख रहा है।
जनसेवा केंद्र संचालकों से करते हैं विवाद :
लोग जनसेवा केंद्रों के संचालकों से आय, जाति, निवास आदि प्रमाणपत्रों में इलाहाबाद लिखकर आने पर विवाद भी कर ले रहे हैं। केंद्र संचालक विजय कुमार गुप्ता, राहुल, आफताब, इरशाद आदि बताते है कि ग्राहक इसको लेकर रोजाना कहासुनी करते हैं, गारंटी मांगते है। माना जाएगा या नहीं किसी तरह समझा-बुझाकर लोगों को शांत कराया जाता है।